शिक्षामित्र से शिक्षक बने 1200 में से 50 को मिलेगी सैलरी
शिक्षकों का कहना है कि आर्थिक तंगी से पूरा परिवार जूझ रहा है, फिर भी 90 दिन में होने वाला सत्यापन करीब आठ माह से लटका हुआ है। अब विभाग से स्पष्ट उत्तर नहीं मिल पाने की स्थिति में आरटीआई के तहत सत्यापन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है।
गौरतलब है कि जिले में प्रथम चरण में 797 शिक्षामित्रों का शिक्षक पद पर समायोजन एक अगस्त 2014 को हुआ। इसमें से तकरीबन 50 शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है कि क्योंकि इनके दस्तावेजों का सत्यापन नहीं हुआ है।
बीएसए ने 26 दिसंबर को 39 और 31 दिसंबर को 11 शिक्षकों को दिसंबर माह का वेतन देने का आदेश निर्गत किया। 1200 में से सिर्फ 50 शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों का ही सत्यापन हो पाया है। यदि सभी शिक्षकों का सत्यापन हो गया होता तो विभाग को तकरीबन 30 करोड़ रुपया वेतन मद में देना पड़ता।
बीकापुर के प्रा.वि. परोमा की कमलेश कुमारी, हैरिंग्टनगंज की प्रा.वि. रनापुर की एकता सिंह, अमानीगंज के प्रा.वि. तुलापुर के अर्जुन भारती, हैरिंग्टनगंज की प्रा.वि. पड़रीतारा की शर्मिला शर्मा व प्रा.वि. जासरपुर की आराधना यादव आदि ने शीघ्र सत्यापन कार्य पूर्ण कराने की मांग की है जिससे उन्हें वेतन मिल सके।
दूरस्थ शिक्षा मित्र बीटीसी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष धर्मपाल यादव ने बताया कि बीएसए को पूर्व में ज्ञापन देकर शपथपत्र के आधार पर वेतन भुगतान की मांग की थी लेकिन वेतन से वंचित शिक्षकों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया।
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर ऐसोसिएशन के पदाधिकारी अनूप द्विवेदी ने कहा कि द्वितीय चरण के 1200 में से सिर्फ 50 को ही दिसंबर माह का वेतन देने का आदेश निर्गत हुआ, बाकी शिक्षक परेशान हैं।