औचक निरीक्षण में सिसोदिया ने स्पेशल क्लास लेने आए 9वीं व 12वीं के विद्यार्थियों से चर्चा की तो कई तरह की शिकायतें सामने आईं।
इसके बाद शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों और प्रधानाचार्य को क्लास से बाहर जाने को कहा और छात्रों से अकेले में करीब एक घंटे तक खुलकर बातचीत की। 9वीं क्लास के बच्चों ने एक-एक करके अपने दुख-दर्द बताने शुरू किए। बच्चों ने दो शिक्षकों का बाकायदा नाम लेकर बताया कि वे गाली देते हैं और पीटते भी हैं।
वहीं 12वीं के बच्चों ने बताया कि फिजिक्स के टीचर का पढ़ाया हुआ उन्हें समझ नहीं आता। वह कभी प्रैक्टिकल नहीं कराते। शिक्षा मंत्री ने बाद में प्रधानाचार्य और अध्यापकों से कहा कि वे क्लासरूम में बच्चों के प्रति प्रेम और आदर का भाव रखें।
उन्होंने कहा कि अगर हम बच्चों को बात-बात पर धमकाने या डराने का माहौल बनाएंगे तो न बच्चे ठीक से पढ़ पाएंगे और न ही वे अपने से बड़ों का आदर करना सीख पाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को आदर देना हरेक छात्र के लिए जरूरी है लेकिन बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करना भी शिक्षक के लिए जरूरी है।
सिसोदिया ने स्कूल के टीजीटी साइंस लखपत सिंह, टीजीटी सोशल साइंस तसलीम अहमद, पीजीटी फिजिक्स एमएस रावत को नौकरी से निकालने के निर्देश दिए हैं। जबकि उप प्रधानाचार्य अंसार अहमद, एकाउंट्स के लेक्चरर सीताराम और टीजीटी हिंदी दिनेश कुशवाहा को सस्पेंड कर दिया।