ज्ञान भंडार

शिवराज के फोन पर दिल्‍ली में रुकी सूखे की फाइनल रिपोर्ट

09-shivraj-singh-chauhan-301_19_11_2015नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फोन पर गुरूवार को कृषि मंत्रालय में सूखे की फाइनल रिपोर्ट पेश होते-होते रुक गई। पूरा वाकया तब हुआ,जब सूखे का अध्ययन करने मप्र गए केंद्रीय दल ने कृषि मंत्रालय पहुंचकर कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को फाइनल रिपोर्ट देने की तैयारी में था। इस बीच मप्र के मुख्यमत्री शिवराज सिंह चौहान का फोन कृषि मंत्री के पास पहुंचा।

उन्होंने केंद्रीय दल के सर्वे में मप्र के कुछ जिलों के छूट जाने का जिक्र किया। बात होते-होते फैक्स भी आ गया। इसके बाद पूरा मामला ही पलट गया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने सूखे फाइनल रिपोर्ट लेकर पहुंचे केद्रीय दल को बगैर रिपोर्ट लिए वापस लौटा दिया। साथ ही निर्देश दिया, कि मप्र के जो जिले छूट गए,उनका फिर सर्वे कराया जाए। केंद्रीय दल को फिर से मप्र के उन जिलों में भेजा जाए। इसके बाद रिपोर्ट फाइनल कर उन्हें दी जाए।

अचानक हुए इस वाकये के बाद सूखे का अध्ययन करने गए दल के पसीने छूट गए। मंत्रालय के उच्चपदस्थ अधिकारियों के मुताबिक अब अगले हफ्ते तक केद्रीय दल फिर से मप्र जाएगा। जल्द ही उसका प्रोग्राम भी राज्य सरकार को भेजा जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय दल ने अभी अपने सर्वे में 28 जिलों को ही शामिल किया है।

सात जिलों में और होगा सर्वे

मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक मप्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में पहले प्रदेश 28 जिलों को ही सूखे की चपेट में बताया गया था। जिसके आधार पर केंद्रीय दल ने सर्वे किया। अब राज्य सरकार ने प्रदेश के 35 जिलों को सूखे की चपेट में शामिल बताया है,ऐसे में अब बाकी सात जिलों मे अब नए सिरे से सर्वे होगा।

सूखे की मदद मांगने दो बार शिवराज आ चुके है दिल्ली

सूखे से जूझ रहे प्रदेश के किसानों के लिए मदद मांगने के लिए मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब तक दो बार दिल्ली आ चुके है। इस दौरान वित्त मंत्री, गृह मंत्री से मिलकर मदद की गुहार लगा चुके है। मप्र ने सूखे से निपटने के लिए पहले तो 19 सौ करोड़ की मदद मांगी,लेकिन बाद में सूखे प्रभावित जिलों की संख्या बढ़ने के बाद 24 सौ करोड़ की आर्थिक मदद केंद्र से मांगी है। देखना दिलचस्प होगा, कि मप्र को कितनी मदद मिलती है।

 
 

Related Articles

Back to top button