शिवराज ने सरदार पटेल से की मोदी की तुलना,
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरदार वल्लभ भाई पटेल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना की है. उन्होंने देश के राजनीतिक एकीकरण का श्रेय सरदार पटेल को और आर्थिक एकीकरण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है.
राज्य विधानसभा द्वारा बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) लागू करने के लिए संविधान के 122वें संशोधन विधेयक के संकल्प प्रस्ताव के दौरान उन्होंने कहा कि जीएसटी से यह सिद्ध हो गया है कि सभी राजनीतिक दल मतभिन्नता के बावजूद राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर एकमत हैं और एक होकर फैसला करते हैं.
चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई जीएसटी की परिभाषा ‘ग्रेट स्टेप टुवर्डस ट्रांसफॉर्मेशन’ का संदर्भ देते हुए कहा कि राज्य के हित को देखते हुए जीएसटी का समर्थन किया गया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेसकाल में जीएसटी कानून का नहीं बल्कि इसके स्वरूप का विरोध था. अब राज्य की चिंताएं दूर हो गई हैं.
हालांकि, चौहान ने जीएसटी लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, प्रणब मुखर्जी और सोनिया गांधी का भी आभार व्यक्त किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बने जीएसटी कानून में राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई का स्पष्ट प्रावधान नहीं था इसलिए इसका विरोध किया गया था. नए कानून में राज्य के हितों का संरक्षण किया गया है. राज्य को होने वाले राजस्व के घाटे की भरपाई का प्रावधान किया गया है. अब सभी मुद्दों का समाधान हो गया है.
चौहान ने कहा कि अगले पांच सालों तक राज्यों को होने वाले राजस्व घाटे की क्षति पूर्ति का प्रावधान नए कानून में है. केंद्रीय करों में राज्य की भागीदारी 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत बढ़ाने का भी भरपूर लाभ मिलेगा.
राज्यों को राजस्व की हानि भी कम होगी. जीडीपी बढेगी. इससे देश और राज्य को लाभ मिलेगा. गरीबों के उपयोग की वस्तुओं की कीमतें कम होंगी साथ ही टैक्स का आधार भी बढ़ेगा.
चौहान ने कहा कि अब कर अपवंचन और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाने में मदद मिलेगी. देश ‘एक राष्ट्र एक कर’ की दिशा में आगे बढेगा. उपभोक्ताओं को भी इससे लाभ होगा. उन्होंने कहा कि अभी तक निवेशक हमेशा प्रश्न करते थे कि जीएसटी कब लागू होगा. जीएसटी आने से निवेश बढ़ेगा और निवेश से रोजगार की संभावनायें भी बढ़ेंगी.