शिव महापुराण कथा : सतकर्म ही मुक्ति का मार्ग -अनिरूद्ध जी महाराज
खाटू मन्दिर में आज आयेगी शिव बारात, भक्त करेंगे पार्वती का कन्यादान
लखनऊ : श्री श्याम परिवार लखनऊ के सानिध्य में दिव्य अध्यात्म राष्ट्र सेवा मिशन एवं दिव्य श्री राधा सखी मंडल के तत्वावधान में बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री खाटू श्याम मन्दिर में चल रही श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन सोमवार को प्रखर राष्ट्र चिंतक श्रद्धेय पूज्य डा0 अनिरूद्ध जी महाराज ने कहा कि शिव पुराण के अनुसार कलियुग में सतकर्म ही मुक्ति का मार्ग है। उन्होंने कहा कि अपने नित्य कर्म के साथ साथ कुछ समय परमार्थ और ईश्वर के गुणगान में लगाये तभी, कल्याण होगा। महाराज श्री ने कहा कि संत वही है जो मान-अपमान से परे परे है। जहां मान नही वहां अपमान कहां से होगा। उन्होंने कहा कि आज किसी संत या धर्म पर टिप्पणी कर दो तो खून की नदियां बहने लगती है। मैं पूछना चाहते हूं कि क्यां तुम्हारा धर्म इतना कमजोर है, कोई दो शब्द कह दे और वह मिट्टी में मिल जाये। इसे धर्म नही कहते यह तो कांच का टुकड़ा हो गया, आपका धर्म इतना कमजोर है तो टूट जाने दीजिये। ऐसा धर्म आपको क्या संभालेगा जो खुद नही संभल सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे धर्म को छोड़ दीजिए और किसी मजबूत धर्म की शरण में जाये। लेकिन एक धर्म को आप मत छोडिये वह है मानवता धर्म। अगर आपमें मनुष्यता है तो सभी धर्म है अन्यथा पाखण्ड है।
पूज्य डा0 अनिरूद्ध जी महाराज ने कहा कि जीवन में जीव मात्र पर दया हो करुणा हो, आपका हृदय किसी पीड़ा देखकर करुणा से भर जाये तो समझना की आप धार्मिक है। धर्म मानने की नही बल्कि आचरण में लाने का विषय हो। कथा से पूर्व श्री श्याम परिवार के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, मण्डल की अर्चना अग्रवाल, रेनू अग्रवाल, गीता गुप्ता, प्रेमा गोयल, नेहा अग्रवाल, मंजू अग्रवाल समेत अन्य लोग महाराज श्री को मन्दिर में श्याम प्रभु के दर्शन करवाये। पूज्य संत अनिरूद्ध जी महाराज जी के मन्दिर में दर्शन के समय मन्दिर परिसर श्याम प्रभु के जयकारों से गूंज उठा। दिव्य श्री राधा सखी मंडल की राष्ट्रीय प्रधान सुषमा अग्रवाल, राष्ट्रीय महामंत्री उषा सिंह व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रेखा अग्रवाल ने बताया कि कथा में मंगलवार को शिव विवाह प्रसंग होगा। इस मौके पर दिव्य श्री राधा सखी मंडल , श्री श्याम परिवार लखनऊ, श्री दादी जी परिवार मंगल समिति के संयुक्त तत्वावधान में शाम छह बजे शिव बारात निकाली जायेगी। बाद में पार्वती जी विवाह भोलेनाथ से होगा। इस अवसर पर भक्त कन्या दान भी करेंगे। इसके अलावा कर्त्तव्य चिंतन पत्रिका का विमोचन भी होगा।