शी जिनपिंग ने अचानक किया तिब्बत दौरा, ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहे डैम का लिया जायजा
भारत के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पहली बार अरुणाचल प्रदेश के करीब स्थित तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शी बुधवार को न्यिंगची मेनलिंग हवाई अड्डे पर पहुंचे स्थानीय लोगों विभिन्न जातीय समूहों के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी के बेसिन में निरीक्षण करने के लिए न्यांग नदी पुल का दौरा किया. न्यिंगची तिब्बत में एक प्रान्त स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. चीन अरुणाचल प्रदेश पर दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में अपना दावा करता है, जिसे भारत ने हमेशा ही खारिज कर दिया है.
समाचर एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग न्यिंगची के एयरपोर्ट पहुंचे. इसके बाद चीनी राष्ट्रपति ब्रह्मपुत्र नदी उसकी सहायक नदी के घाटी का निरीक्षण किया. चीन तिब्बत से लेकर भारत तक बेहद पवित्र मानी जाने वाली यारलुंग त्सांग्पो या ब्रह्मपुत्र नदी पर 60 गीगावाट का महाकाय बांध बनाने की योजना तैयार कर रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के थ्री जॉर्ज डैम की तुलना में ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहा बांध तीन गुना ज्यादा बिजली पैदा करेगा. चीन रेल के साथ-साथ सड़क मार्ग को भी दुरुस्त कर रहा है. उसने हाल ही में ब्रह्मपुत्र नदी घाटी के बीच से एक रणनीतिक रूप से बेहद अहम हाइवे का निर्माण किया है. यह हाइवे मेडोग काउंटी को जोड़ता है जिसकी सीमा अरुणाचल प्रदेश से लगती है.
बता दें कि भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) शामिल है. चीनी नेता समय-समय पर तिब्बत जाते हैं. लेकिन चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख शी, हाल के वर्षों में तिब्बत के सीमावर्ती शहर का दौरा करने वाले पहले शीर्ष नेता हैं. न्यिंगची जून में उस समय चर्चा में आया था जब चीन ने तिब्बत में अपनी पहली बुलेट ट्रेन को पूरी तरह से चालू कर दिया था. यह ट्रेन तिब्बत की प्रांतीय राजधानी ल्हासा को निंगची से जोड़ती है. इसकी डिजाइन गति 160 किमी प्रति घंटा है यह 435.5 किमी की दूरी तय करने वाली सिंगल-लाइन इलैक्ट्रिक रेलवे पर चलती है.