शैतान और टोना-टोटका
गौ हत्या को लेकर हायतौबा क्या शुरू हुई, इस बहस में गौ माता से जाति के कारण नहीं बल्कि उसके चारे के कारण से भी, सीधा संबंध रखने वाले एक बिहारी नेता बिना कुछ विचारे बोल बैठे। अब बात तो मुंह से निकल ही चुकी थी सो, किसी तरह उसकी लीपापोती करनी थी। ऐसे में उन्होंने अपने बचाव में कहा कि दरअसल वे यह कहना ही नहीं चाहते थे, लेकिन शैतान मुंह में बैठ गया और अर्थ का अनर्थ हो गया। हालांकि वे बाद में इस बात से भी बचते दिखे कि उन्होंने शैतान को लेकर कोई बात नहीं कही। पर जितना गुड़-गोबर होना था, वह तो हो ही गया। लगता है उनके दिन अच्छे नहीं चल रहे। ऐन चुनाव के दौरान ऐसी-वैसी बातें हो जा रही हैं, ऊपर से उनकी रैलियों में भीड़ भी न के बराबर आ रही है। इतना ही नहीं समय की मार तो देखिए मंच पर लगा पंखा भी उन पर ही गिरते-गिरते बचा। इस पर उन्होंने इसे भगवा पार्टी की साजिश करार देने में देर नहीं की। बोले, चुनाव हारते देख वे सब अब टोना-टोटका का भी सहारा ले रहे हैं। अब खीज मिटाने के लिए तो लालटेन वाले साहब कुछ भी बोल सकते हैं।