श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर श्रद्धालु कर रहे सप्तकोसी परिक्रमा
मथुरा : योगीराज श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर श्रद्धालुओं का हुजूम सप्तकोसी परिक्रमा में देखने को मिल रहा है, जहां राधे-राधे के जयकारों के बीच सप्तकोसी परिक्रमा करते श्रद्धालु नजर आए। गिरिराज दानघाटी मंदिर में गिरिराज जी को नमन कर श्रद्धालु जयकारे के साथ परिक्रमा कर रहे हैं। देश के कोने-कोने से गिरिराज परिक्रमा को उमड़ रहे श्रद्धालुओं से तलहटी में अनेकता में एकता का नजारा जीवंत हो रहा है। दिन भर हो रही भारी उमस और गर्मी के बावजूद भी परिक्रमार्थियों के कदम आस्था में तलहटी में बढ़ रहे हैं। मथुरा जिले के कस्बा गोवर्धन में मुड़िया पूर्णिमा मेला में आस्था व विश्वास लिए श्रद्धालु श्रीगिरिराज महाराज के जयकारों के बीच सप्तकोसी परिक्रमा लगा रहे हैं। एकादशी से उमड़ा भक्तों का सैलाब शनिवार सुबह मानव श्रृंखला के रूप में दिखाई दिया। चहुंओर राधे-राधे श्याम मिला दे की गूंज से सप्तकोसी परिक्रमा गुंजायमान हो रही है। इस बार 60 से लेकर 80 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जिला प्रशासन जता रहा है। पूरी परिक्रमा में जहां अलग-अलग स्थानों पर धार्मिक आयोजन हो रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन, नगर पंचायत समेत सभी परिक्रमा में श्रद्धालुओं को सुविधा देने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। शुक्रवार रात्रि में प्रसिद्ध गिरिराज दानघाटी मंदिर, मानसी गंगा मुकुट मुखारविंद मंदिर व जतीपुरा मुखारविंद मंदिर रोशनी की अद्भुत सजावट के चलते जगमगाते हुए मेले की शोभा बढ़ा रहे हैं। हर उम्र के लोग परिक्रमा के लिए लालायित दिखाई दिये। सनातन धर्म के लोग अपने गुरु की याद में सिर मुंडवाकर सप्तकोसी परिक्रमा कर मेला का समापन 16 जुलाई की सायं कर देंगे। जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि गिरिराज महाराज की परिक्रमा हर माह चलती है, लेकिन इस बार मुड़िया पूर्णिमा मेले में अनुमान है कि 60 से 80 लाख श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे, एकादशी की रात्रि से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है, जो 15 जुलाई की रात तक बढ़ती रहेगी। यूं तो गोवर्धन में पूरे वर्ष श्रद्धालु गिरिराज जी की परिक्रमा लगाते हैं लेकिन मुड़िया पूर्णिमा मेला के पांच दिन गोवर्धन व आसपास के क्षेत्र में अटूट श्रद्धाभाव एवं मिश्रित प्रभु के जयकारों की गूंज जिस मनोरम दृश्य का सृजन करती है यह पुण्य एवं परम सौभाग्य की बात मानी जाती है। ब्रज मंडल के गोवर्धन तीर्थ का द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने मान बढ़ाया था। यहां पतित पावनी भगवान श्रीकृष्ण के मन से उत्पन्न मानसी गंगा है। राधाकुंड में राधा-श्याम कुंड का अनूठा संगम है।
भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े कुसुम वन सरोवर, गोविंद कुंड आदि धार्मिक स्थली हैं। गिरिराज महाराज की शिला खंडों को स्पर्श करना, शिलाओं पर दूध और पंचामृत से अभिषेक कर सात कोस की परिक्रमा लगाई जाती है। यहां परिक्रमा व दंडवती में बारिश की फिसलन, तेज धूप की गर्मी भी अटूट श्रद्धा के आगे आड़े नहीं आती है। ब्रजरज में नंगे पैर परिक्रमा व लेटकर दंडवती लगाकर भक्त अपने आप को धन्य समझते हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने इस बार दण्डवती परिक्रमा पर एकादशी से पूर्व ही प्रतिबंधित कर दिया था। मुड़िया मेला शुरू होते ही प्रशासन भी मेला को सकुशल संपन्न कराने के लिए जुट गया है। मुड़िया मेला में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा 1500 बसों के संचालन में पहली खेप में करीब 300 बसों का संचालन शुरू कर दिया है। बीते दिन हुई बरसात के चलते पार्किंग ठेकेदार पार्किंग व्यवस्थाओं को सुधारते हुए नजर आये। मेला में ड्यूटीकर्मी अपने प्वाइंट पर नजर आ रहे हैं। मेला प्रभारी एडीएम प्रशासन सतीश चंद त्रिपाठी, एसएसपी शलभ माथुर नजर बनाये हुए हैं। एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि मुड़िया मेला में इस बार छह खोया-पाया केंद्र के साथ-साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिससे खोए व्यक्ति के पहुंचने पर उसका फोटो लेकर नाम सहित शेयर किया जाएगा। इसका संपर्क सीधा कंट्रोल रूम थाने से भी जोड़ा जाएगा। एक नाम के अनेक व्यक्ति होने पर दिक्कत होती है। सोशल व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से फोटो से पता चलने में आसानी होगी। मथुरा रेलवे जंक्शन की सेकेंड एंट्री से रोडवेज की बसें सीधे गोवर्धन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है, जो सीधे भूतेश्वर चौराहा एवं कृष्णानगर चौराहे से सीधे गोवर्धन पहुंचती हैं। वहीं नए बस स्टैण्ड से भी बसें श्रद्धालुओं को गोवर्धन पहुंचा रही हैं। लौटने के लिए सभी बसों का रूट सौंख रोड से मंडी समिति चौराहा होते हुए रेलवे जंक्शन की सेकेंड एंट्री पर पहुंचेगी। मथुरा-गोवर्धन मार्ग पर अडींग में, जमुनाबता गांव में पार्किंग बनाई गईं हैं। जो कि मंदिर दानघाटी से चार किलोमीटर पहले हैं, क्योंकि मुड़िया मेले के दौरान गोवर्धन में कार नहीं जा सकेंगी।