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श्रीलंका में मानसून का कहर, 14 की मौत, ढाई लाख प्रभावित

कोलंबो। श्रीलंका में भारी बारिश और भूस्खलन से कम से कम 14 लोगों की जान चली गई और दो लाख 40 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। गुरुवार रात से देश के कई जिले में मानसूनी बादल कहर बरपा रहे हैं। कई घर, धान के खेत और सड़कें डूब गई हैं। यातायात थम गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र के प्रमुख मेजर जनरल सुदांता राणासिंघे ने कहा कि 10 जिलों में 60,674 परिवारों के 245,212 लोग खराब मौसम से प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि 3500 से ज्यादा परिवार राहत कैंपों में हैं। इन विस्थापित परिवारों के 15000 से ज्यादा लोगों को समायोजित करने के लिए 72 राहत कैंप स्थापित किए गए हैं। 10 लोगों की मौत बाढ़ से जबकि चार की जान भूस्खलन में गई है। मानसूनी बारिश से कालुटारा, गांपाहा, कोलंबो, रत्नपुरा और केगाल्ले समेत कई जिले डूब गए हैं। आने वाले दिनों में और बारिश होने की आशंका जताई गई है।

राष्ट्रीय भवन अनुसंधान संगठन ने 25 प्रशासनिक जिलों में से छह के लिए भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। भारी बारिश के कारण कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम भी प्रभावित हुआ है। वहीं दूसरी ओर भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले 10 दिनों यानी 15 जून तक बिहार व बंगाल के कुछ हिस्सों, झारखंड और ओडिशा तक पहुंचने की संभावना है।

इस बीच श्रीलंका में समुद्र विशेषज्ञों ने सिंगापुर के ध्वज वाले उस जहाज का डेटा रिकॉर्डर बरामद कर लिया है जो आग लगने के बाद कोलंबो तट पर डूब रहा है। घटना जांच शुरू कर दी गई है। इस वाकए से समुद्री पर्यावरण के प्रदूषित होने की आशंका है। श्रीलंकाई नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और स्थानीय प्राधिकारी किसी भी तरह के तेल प्रदूषण से निपटने या मलबा हटाने के लिए घटनास्थल पर मौजूद हैं।

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