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श्रीलंका में मुस्लिम मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भड़के हिंदू, कहा- अब बुद्ध भी देश को नहीं बचा पाएंगे

श्रीलंका में आतंकी हमले के बाद मुसलमानों के प्रति सरकार के बदले रुख से नाराज वहां के सभी नौ मुस्लिम मंत्रियों और दो प्रांतीय गवर्नरों ने इस्तीफा दे दिया है। मुस्लिम मंत्रियों के इस्तीफे पर हिंदू सांसदों ने कड़ा एतराज जताया है। दरअसल ईस्टर के दिन चर्च पर हुए हमलों के बाद श्रीलंका में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे। द तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) का कहना है कि मुस्लिम मंत्री भेदभाव के शिकार हो रहे हैं। टीएनए के सांसद एम सुमनतिरन ने कहा, ‘आज ये निशाने पर हैं, कल हम लोग होंगे। सबको साथ रहने की जरूरत है। हम लोग मुसलमानों से मिलकर रहेंगे।’ श्रीलंका के एक अन्य हिंदू नेता मनो गणेशन ने कहा, यदि सरकार बौद्ध संन्यासियों के हिसाब से चलेगी, तो गौतम बुद्ध भी देश को बचा नहीं पाएंगे।

दरअसल बौद्ध बहुल श्रीलंका में प्रभावशाली बौद्ध भिक्षु अथुरालिये रतना इन मंत्रियों के इस्तीफे के लिए आमरण अनशन पर बैठ गए थे। वह राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से इन मंत्रियों को हटाने की मांग कर रहे थे। उधर मुसलमान मंत्रियों के इस्तीफे की पूरे श्रीलंका में निंदा हो रही है। वरिष्ठ नेताओं ने भी बौद्ध भिक्षुओं की मांगों की आलोचना की है। वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने कहा, यह श्रीलंका के लिए एक शर्मनाक दिन है।

मैंने और अन्य मुस्लिम नेताओं ने इसलिए त्यागपत्र दिया है ताकि सरकार आरोपों की जांच कर सके। श्रीलंका में मुस्लिम विरोधी प्रचार और आरोपों से हम मुक्त होना चाहते हैं, इसलिए इस्तीफा जरूरी था। – रऊफ हकीम, सांसद, श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस

मुसलमानों में खौफ का माहौल

श्रीलंका में मुसलमानों के सबसे बड़े दल के अध्यक्ष और शहरी विकास एवं जल आपूर्ति मंत्री रऊफ हकीम ने कहा कि देश के मुसलमान डरे हुए हैं। आतंकी हमले के बाद मुसलमानों के घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया था। अप्रैल में हुए धमाके श्रीलंका के इतिहास के बड़े हमलों में से एक है।

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