श्री श्री के अनमोल एवं अचूक उपाय
एजेंसी/ चंडीगढ़ : अगर आपको लगता है कि सांसो का तालमेल और हाथ-पांव को आड़ा-टेढ़ा मरोड़ना ही योग है, तो आप बिल्कुल गलत है। कान खींचना और उठक-बैठक करना भी योग की ही क्रियाएं है और इन्हें तो सुपरयोग की श्रेणी में रखा गया है।
ये कहना है आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का। श्री श्री ने टेंशन भगाने के कुछ ऐसे ही अपने उपाय गुरुवार को चंडीगढ़ के परेड ग्राउंड में योगा फेस्टिवल की शुरुआत में बताए। उन्होने कहा कि कान पकड़ना और उसको मरोड़ना सजा नहीं बल्कि सुपर योग है। इससे झट से टेंशन दूर होती है और दिमाग फ्रेश हो जाता है।
ये बाच कैलिफोर्निया के डॉक्टर ने कही। ब्रेन से ज्यादातर नशें जुड़ी होती है, इसलिए टेंशन भाग जाती है। आर्ट ऑफ लिविंग के गुरु ने 50 मिनट के भाषण में ऐसे कई उपाय बताए और इन सबको कहीं भी कभी भी किया जा सकता है। इन तरीकों को परेड ग्राउंड में मौजूद प्रशासक सोलंकी, नेताओं से लेकर हजारों की संख्या में जुटे आम लोगों ने भी आजमाया।
ध्यान लगाने के लिए उन्हबोने तीन सबसे सटीक उपाय बताए-
*10 मिनट खुद से कहो कि मुझे कुछ नहीं चाहिए।
*10 मिनट खुद से कहो कि मैं इन 10 मिनटों में कुछ नहीं करने वाला।
*मैं कुछ भी नहीं हू, न ज्ञानी हूं, न पापी हूं, न पुण्य आत्मा हूं।
*इसके बाद अपनी आंखें बंद करके अपने शरीर का सम्मान करें।
*सोचों कि जब तुम्हारा दुनिया में आगमन हुआ था, तब तुम 4 किलो के थे, लेकिन अब 70 किलो के हो।
*चेहरे पर मुस्कान के साथ अपने वजन को कुर्सी पर रखें और कल्पना करो कि तुम्हारे चारों ओर केवल हवा है।
*तुम्हारे भीतर भी तो हवा ही है, जैसे मछली जल में वैसे ही हम वायु में।
*वायु के सागर को महसूस करें, इसी अवस्था में वि श्राम करें।
काम न बिगड़े इसके लिए सिर पर हाथ रखकर कहें हे राम, हे राम। श्री श्री ने बताया कि गुस्सा करने से 72 नाड़ियों पर प्रेशर पड़ता है। आईब्रो को दो-तीन बार सीधा करें, गुस्सा छूमंतर हो जाएगा। योग गुरु ने मुस्कानम ढुंढने के भी उपाय बताए और कहा कि मुस्कान गायब न होने दे और यदि हो जाए तो हाथ से गाल को मसलें और धीरे-धीरे ढुंढे।
दिनभर कंप्यूटर पर काम करने वालों के बारे में श्री श्री ने कहा कि सिर के पीछे हाथ रखकर आंखों की पुतलियों को दोनों ओर घुमाएं और फिर पुतलियों को राउंड में घुमाएं। टेंश या गुस्सा आ रहा हो तो बचने के उपाय भई श्री श्री ने बताया। उन्होने कहा कि दोनों हाथों को सिर पर रगड़े, ऐसे जैसे रगड़ महसूस हो।
अगर कभी आपको लगे कि जीवन से उत्साह खत्म हो रहा है, तो बच्चों की भांति चकित होकर इसे दोबारा पा लें। बच्चे को चौंकाने की भांति कुछ करें।