संकीर्ण राजनीति के चलते कोविड-19 टीकाकरण अभियान की गति हुई धीमी: अखिलेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ऊपर जमकर बरसे। अखिलेश ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सबसे जरूरी रक्षा कवच यानी की टीकाकरण की गति में भाजपा की संकीर्ण राजनीति की वजह से सुस्ती आई आ गई है।
अखिलेश यही नहीं रूके और भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा आगे कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में टीकाकरण में लापरवाही की खबरें व शिकायतें आ रही है, सरकार क्या कर रही है। भाजपा सरकार ने दिपावली तक सबको वैक्सीन लगवाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन उम्मीद नहीं है कि सरकार लक्ष्य को प्राप्त कर पाएगी।
उन्होंने कहा कि खुद भाजपा सरकार की रीति-नीति अस्पष्ट है जिससे टीकाकरण विवादों में घिरता जा रहा है और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ के हालात पैदा हो रहे हैं। भाजपा टीके को लेकर प्रदेश में सिर्फ राजनीति कर रही है और उसमें जनता पिस रही है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि तमाम जनपदों में टीकाकरण केन्द्रों का बुरा हाल है। राजधानी लखनऊ में सरकारी अस्पतालों में टीकों की कमी से लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। रायबरेली में ग्रामीण क्षेत्रों में कागजों पर टीके लग रहे हैं। बदायूं के उझानी में 34 गांवों में टीकाकरण शुरू नहीं हो पाया है। शामली में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में टीके लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा प्रयागराज, आजमगढ़ और वाराणसी में भी टीकाकरण से संबंधित तमाम समस्याएं सामने आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग व्यवस्था ना तो व्यावहारिक है और नाहीं सुविधाजनक। इसे समाप्त करके सरकारी अस्पतालों में जनसुविधा के लिए ज्यादा काउण्टर खोले जाने चाहिए। भाजपा को केवल साधन सुविधा सम्पन्न लोगों की जिंदगी का ही ख्याल रखना छोड़कर गांव-गरीब का भी ध्यान करना चाहिए।