संक्रमण से होता है हर्पीज़
हर्पीज़ एक ऐसा चर्म रोग है जो काफी है परेशान करता है। हर्पीज़ का इन्फेक्शन हर्पीज़ सिंप्लेक्स की वजह से होता है। इसका परिणाम ये होता है कि आपको बार-बार ब्रेकआउट्स की समस्या होती है हालांकि ब्रेकआउट्स की समस्या धीरे-धीरे कम हो जाती है। इस संक्रमण से आमतौर पर मुंह और जननांग का हिस्सा प्रभावित होता है। हर्पीज़ दो तरह से आपको प्रभावित करता है। पहला, ये मुंह वाले हिस्से यानि मुंह, आंख, चेहरे, होंठ और दूसरा आपके जननांग वाले हिस्से पर होता होता है। कई मामलों में हर्पीज़ संक्रमण से पीड़ित लोगों में कोई खास लक्षण नहीं देखे जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में कई लक्षण देखे जा सकते हैं।
घाव
इस संक्रमण से व्यक्ति के चेहरे या जननांग हिस्से में घाव हो सकते हैं, जो कुछ दिनों या हफ्तों का रह सकते हैं। इसके आलावा होंठ, चेहरे औए यहां तक की मुंह के अंदर भी घाव हो सकते हैं। इनमें मवाद या फफोले पड़ सकते हैं। इन्हें ठीक होने में कम से कम दो हफ्ते लग सकते हैं।
बुखार
घावों के कारण आमतौर पर मांसपेशियों में दर्द और सिर दर्द के साथ-साथ बुखार भी हो सकता है। ये दोनों तरह के हर्पीज़ के आम लक्षण हैं।
खुजली और जलन
अक्सर घाव या फफोले होने से पहले रोगी को खुजली या जलन का अनुभव हो सकता है। चाहे वो जननांग हर्पीज़ हो या चेहरे के।
आंखों में बेचैनी
कई बार हर्पीज़ सिंप्लेक्स वायरस की वजह से आंखों में भी संक्रमण हो जाता है। इससे आपको धुंधला दिखना, आंखों से पानी आना, दर्द या जलन होना शामिल हैं। इस तरह के इन्फेक्शन से लसीका ग्रंथि बढ़ सकती है। इससे गर्दन की लसीका ग्रंथि में सूजन हो सकती है, जो दर्द और बेचैनी का कारण बन सकता है। ऐसा कोई इलाज नहीं है जिससे कि त्वचा रोग का उपचार किया जा सके, किंतु एन्टी वायरस दवाईयों के प्रयोग से दवाई प्रयोग की अवधि के दौरान इसे फैलने से रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन निरोधात्मक उपाय करने से लाक्षणिक त्वचा रोग से साथी को बचाया जा सकता है।