लखनऊ । समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चाौधरी ने आज यहां कहा है कि आरएसएस और भाजपा के नववर्ष में भी सुधरने का कोई संकेत नहीं हैं। वर्ष 2014 में कभी लवजिहाद, कभी धर्मांतरण या घर वापसी अथवा गंगा और गीता के बहाने उक्त दोनों संगठनों की ओर से समाज में तनाव पैदा करने की हरचन्द कोशिशें की गई। भाजपा के केन्द्र सरकार के कुछ मंत्री और प्रदेशीय नेतृत्व सांप्रदायिक मुद्दों को उठाकर अराजकता का माहौल बनाने में लगा रहा। इस सबके पीछे मंशा यह भी रही है कि कानून की समस्या खड़ी हो, जनहित के कामों में बाधा उतपन्न हो और आतंक का वातावरण बने। वर्ष 2015 की शुरूआत के साथ आरएसएस के इशारे पर इसके सहयेागी संगठनो विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और हिन्दू युवा वाहिनी आदि ने एक फिल्म को लेकर हुड़दंग मचाना शुरू कर दिया हैं। धार्मिक विवाद पैदा कर सांप्रदायिक उन्माद पैदा करना ही इनका एकमात्र इरादा है। छविगृहों में तोड़फोड़, दर्शकों से मारपीट के जरिए ये संगठन कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने पर तुले हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उस फिल्म को टैक्स फ्री करके वस्तुतः समाज को एक नई दिशा देने का काम किया है। फिल्म लोगों को ढांगी लोगों से बचने की सलाह देती है। मुख्यमंत्री जी ने इस तरह धर्मनिरपेक्षता की भावना को संरक्षण देने और सांप्रदायिकता से लड़ने का साहस दिखाया है। मुख्यमंत्री जी के इस कदम की सभी को सराहना करनी चाहिए।
दरअसल कट्टर हिन्दूवादी संगठनों और उसके प्रेरक संगठन आरएसएस, भाजपा की चिन्ता यह है कि समाजवादी सरकार के विकास एजेण्डा के आगे उनका सांप्रदायिक एजेण्डा काम नहीं कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण के पहले दिन से ही कृषि अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास तथा अवस्थापना सुविधाओं को मजबूती देने की दिशा में दृृढ़ता से कदम उठाए है। प्रदेश में विकास की नई लहर दिख रही है। इसमे अवरोध पैदा करने के लिए ही सांप्रदायिक ताकतें तमाम साजिशें रच रही है। भाजपा नेता जो कुछ कर रहे हैं वह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कृत्य हैं। यह जनादेश का अपमान और 20 करोड़ जनता का भी अपमान है। भाजपा ने विकास का नारा देकर लोगों को बरगलाया और केन्द्र में सत्ता पा ली। लेकिन सात महीने होने पर भी भाजपा अभी तक जनहित की दिशा में कोई कदम नहीं उठा पाई है। जबकि उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने पांच साल के लिए किए गए अधिकांश वायदे तीन साल के अंदर ही पूरे कर दिए है। समाजवादी सरकार की बढ़ती लोकप्रियता के चलते भाजपा की जमीन दरकती जा रही है। इससे हताशा और कुंठित उसके सहयेागी बौखलाहट में विवेक शून्य हो चले हैं। भाजपा को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज है और यहां अराजक तथा सांप्रदायिक तत्वो के लिए कोई स्थान नहीं है।