संविधान में जिस समतामूलक समाज का सपना देखा गया था, वह आज भी अधूरा है : मायावती
लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने 75 वां स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा है कि मानवतावादी संविधान बनाकर समतामूलक जिस समाज का सपना देखा गया था, वह आज भी अधूरा है। इसके जिलए सही सोच और समर्पण की जरूरत है। देश के गरीब, शोषित, पीड़ितों ने अपने थोड़े अच्छे दिनों की उम्मीद में बहुत लम्बा प्रतीक्षा किया है, जो अतिचिंतनीय है।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने स्वतंत्रता दिवस पर सुबह तीन ट्वीट किये। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा “देश व दुनिया के सभी भारतीयों को 75वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। देश की आज़ादी व उसके बाद मानवतावादी संविधान बनाकर जो यहां समतामूलक समाज बनाने व सभी की तरक्की आदि का अद्भुत सपना देखा गया था वह अभी भी अधूरा है, जिस पर सही सोच व समर्पण की जरूरत है।”
वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा “देश के लोगों के जीवन में सुख-शान्ति, शिक्षा-समृद्धि, रोजगार व न्याय-युक्त जीवन आदि संविधान के मूल हैं, जिसके प्रति केन्द्र व राज्य सरकारों को भी जनता के दुःख-दर्द को समझकर उन्हें दूर करने हेतु इधर-उधर की बातें न करके, उनपर पूरी ईमानदारी व निष्ठा से काम करना जरूरी है।” तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि देश के करोड़ों गरीबों, मज़लूमों व शोषितों-पीड़ितों ने अपने थोड़े अच्छे दिनों की उम्मीद में बहुत लम्बा समय प्रतीक्षा में ही व्यतीत किए हैं, यह अति-चिन्तनीय। किन्तु अब समय आ गया है कि समस्त सरकारी कर्ताधर्ता देश व संविधान के प्रति सच्ची भावना से समर्पित हों व उनका उद्धार करें।