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संसदीय प्रणाली में गंभीर खामियां, थरूर बोले राष्ट्रपति प्रणाली पर विचार हो

parliament_650x400_51441793719 (1)नई दिल्ली: भारत में संसदीय प्रणाली के स्थान पर राष्ट्रपति प्रणाली को लागू करने के लिए सोमवार को जम कर वकालत की गई। इस दौरान कहा गया कि पिछले 65 सालों के शासन में इस प्रणाली में गंभीर खामियां देखने को मिली हैं। ये खामियां खासकर निर्णय लेने से जुड़ी हैं, जिससे प्रगति प्रभावित होती है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘राष्ट्रपति प्रणाली के विचार पर चर्चा अच्छी बात है। संसदीय प्रणाली में गंभीर खामियां हैं।’ उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली में ज्यादा ध्यान सत्ता बचाने पर होता है और खासकर गठबंधन सरकार में।

हिंदी दैनिक दिव्य हिमाचल के संस्थापक भानू धमिजा की किताब ‘व्हाई इंडिया निड्स अ प्रेसिडेंशियल सिस्टम’ के विमोचन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में थरूर ने यह बात कही।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने भी समान विचार प्रकट किया और तेजी से निर्णय लेने के लिए राष्ट्रपति प्रणाली पर जोर दिया। वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर की राय हालांकि जुदा थी और उन्होंने संसदीय प्रणाली का समर्थन किया।

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