नई दिल्ली: संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी शुक्रवार से खत्म हो जाएगी। संसद की कैंटीन को करीब 16 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही थी जो खत्म हो जाएगी और अब यह कैंटीन ‘नो प्रॉफ़िट, नो लॉस’ पर चलेगी। खाने की नई कीमतें नॉर्थ एवेन्यू और साउथ एवेन्यू में रेलवे द्वारा चलाई जा रही कैंटीनों के जैसी ही होगी।
संसद की कैंटीन में मिलने वाले व्यंजनों की कीमतें शुक्रवार से बढ़ जाएंगी। कैंटीन में सब्सिडी वाली कीमतों पर खाद्य सामग्री मिलने को लेकर समय-समय पर होने वाले विवादों को देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है।
…तो ये होंगी नई कीमतें
अब 18 रुपये में मिलने वाली शाकाहारी थाली की कीमत बढ़ाकर 30 रुपये कर दी गयी है जबकि 33 रुपये में मिलने वाली मांसाहारी थाली अब 60 रुपये में मिलेगी। पहले 61 रुपये में मिलने वाला थ्री-कोर्स मील अब 90 रुपये में जबकि 29 रुपये में मिलने वाली चिकन करी अब 40 रुपये में मिलेगी।
समय-समय पर होता रहा है विवाद
लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कीमतों में बदलाव का आदेश दिया। लोकसभा सचिवालय ने कहा कि कीमतों में बदलाव छह साल बाद हो रहा है और समय समय पर कीमतों की समीक्षा की जाएगी। खुले बाजार में बेहिसाब मूल्यवृद्धि के बावजूद संसद कैंटीन में सब्सिडी के साथ परोसी जाने वाली भोजन सामग्रियों को लेकर समय-समय पर विवाद हुआ है जिसे देखते हुए कीमतों में वृद्धि करने का फैसला लिया गया।
लागत मूल्य पर मिलेगा खाना
लोकसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, ‘संसद की कैंटीन में भोजन सामग्रियों की कीमतें समय-समय पर मीडिया में चर्चा का विषय रही हैं। इसे देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद की खाद्य समिति को इस पर ध्यान देने के लिए कहा था।’ बयान के अनुसार, ‘समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद लोकसभाध्यक्ष ने कई फैसले लिए जिनमें से यह फैसला सबसे महत्वपूर्ण है कि संसद की कैंटीन अब ‘गैर मुनाफा, गैर नुकसान’ के आधार पर काम करेगी।’ इसमें कहा गया, ‘इसके अनुरूप विभिन्न भोजन सामग्रियों की कीमतें बढ़ा दी गयी हैं और इन्हें लागत की मूल कीमत पर बेचा जाएगा। यह शुक्रवार से प्रभाव में आएगा।’ बयान के अनुसार, ‘कीमतों में वृद्धि सांसदों, लोकसभा एवं राज्यसभा के अधिकारियों, मीडिया कर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और साथ ही आगंतुकों के लिए लागू होंगी।’