नई दिल्ली: संसद में अलग-अलग मुद्दों पर लगातार हो रहे हंगामों के बीच गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (जीएसटी) समेत कई विधेयकों के अटके रहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि यह ‘दुःख का विषय’ है कि संसद नहीं चल पा रही है।जागरण फोरम में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, “केवल जीएसटी नहीं, गरीबों के हित से जुड़े कई कदम संसद में अटके हुए हैं।” 26 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से लगातार होते हंगामे को लेकर अपनी सबसे तीखी टिप्पणी करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा, “लोकतंत्र किसी की भी मर्जी और पसंद के अनुसार काम नहीं कर सकता। “वैसे, सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की थी कि संसद सुचारु रूप से चल रही है, और ‘इसका श्रेय सभी पार्टियों को’ जाता है। गौरतलब है कि अगर जीएसटी बिल को अप्रैल, 2016 की डेडलाइन तक लागू किया जाना है, तो उसका इसी सत्र में संसद से पारित होना अनिवार्य है। वैसे, यह मोदी सरकार का सबसे बड़ा बिल है, और आज़ादी के बाद से अब तक का सबसे बड़ा टैक्स सुधार विधेयक भी। इसे पारित करवाने के लिए सरकार को संसद के उच्च सदन राज्यसभा में कांग्रेस का समर्थन ज़रूरी है, क्योंकि वहां सरकार के पास बहुमत नहीं है।