नई दिल्ली. पार्लियामेंट का विंटर सेशन आज से शुरू होने जा रहा है। इस सेशन में इन्टॉलरेंस, जीएसटी बिल और जमीन बिल को लेकर हंगामा होने के आसार हैं। कांग्रेस ने इन्टॉलरेंस पर बहस के लिए पहले ही नोटिस दे दिया है। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने बुधवार को ऑल पार्टी मीटिंग के बाद कहा है कि सरकार इन्टॉलरेंस के मुद्दे पर संसद में बहस के लिए तैयार है, लेकिन संसद सही ढंग से चले यह उनकी प्रायोरिटी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्टॉलरेंस डिबेट की अगुआई कर सकते हैं। विंटर सेशन 26 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा।
बुधवार को क्या हुआ?
> इससे पहले बुधवार को दिनभर सरकार और विपक्षी नेताओं के बीच बैठकों का दौर चला।
> सरकार की कोशिश विंटर सेशन को बगैर किसी हंगामे का चलाने की है ताकि अहम बिल पास कराए जा सकें।
> स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी बुधवार शाम एक ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई।
> इसमें लोकसभा सही ढंग से कैसे चले, इस पर विचार किया गया।
> इससे पहले बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड और एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक हुई।
> पार्लियामेंट हाउस में हुई मीटिंग में पीएम ने विपक्ष से सदन में कामकाज होने देने की अपील की।
GST बिल पास कराना अहम
सरकार की पूरी कोशिश है कि वह विंटर सेशन में GST ( गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को पास कराने की है। GST बिल के पास होने में सबसे बड़ी मुश्किल है राज्यसभा में सरकार के पास कम बहुमत होना। गौरतलब है कि लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में भी बिल पास कराने के लिए सरकार को दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। सरकार ने जीएसटी लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2016 की डेडलाइन तय की है।
इन तीन ऑर्डिनेंस के बदले कानून बनाया जाना है
> पहला- नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट अमेंडमेंट बिल। यह चैक बाउंस के मामलों से जुड़ा है।
> दूसरा- द कॉमर्शियल डिवीजन एंड कॉमर्शियल अपीलेट डिवीजन ऑफ हाईकोर्ट्स एंड कॉमर्शियल बिल। इसके जरिए हाईकोर्टों की कॉमर्शियल डिवीजन बनाई जा सकेंगी।
> दूसरा- द कॉमर्शियल डिवीजन एंड कॉमर्शियल अपीलेट डिवीजन ऑफ हाईकोर्ट्स एंड कॉमर्शियल बिल। इसके जरिए हाईकोर्टों की कॉमर्शियल डिवीजन बनाई जा सकेंगी।
> तीसरा- आर्बिट्रेशन एंड कंशीलिएशन (अमेंडमेंट) बिल। इसमें विवादित मामलों को तेजी से मीडिएशन के जरिए सुलझाने का बंदोबस्त है।
लोकसभा में 8 और राज्यसभा में अटके हैं 11 बिल
मानसून सत्र विवाद और हंगामे के चलते पूरी तरह धुल गया था। इस वजह से पार्लियामेंट को कोई कामकाज नहीं हो सका। इसके चलते कुल आठ बिल लोकसभा में और 11 राज्यसभा में अटके हैं। जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) और जमीन अधिग्रहण से जुड़े बिल तो संसद की समितियों के पास ही फंसे हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार विवादित लैंड बिल को छोड़कर बाकी सभी बिलों को पास कराने की कोशिश में हैं।
ये बिल हैं पेंडिग
> व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन (अमेंडमेंट) बिल
> बेनामी ट्रांजेक्शन (प्रोहिबिशन-अमेंडमेंट) बिल
> रिपीलिंग एंड अमेंडिंग (थर्ड) बिल
> कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल
> हाईकोर्ट एंड सुप्रीम कोर्ट जजेज (सैलरीज एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस-अमेंडमेंट) बिल
> माइक्रो-स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज डेवलपमेंट (अमेंडमेंट) बिल।
> बेनामी ट्रांजेक्शन (प्रोहिबिशन-अमेंडमेंट) बिल
> रिपीलिंग एंड अमेंडिंग (थर्ड) बिल
> कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल
> हाईकोर्ट एंड सुप्रीम कोर्ट जजेज (सैलरीज एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस-अमेंडमेंट) बिल
> माइक्रो-स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज डेवलपमेंट (अमेंडमेंट) बिल।
पहले दिन संविधान दिवस मनाएगी सरकार
> विंटर सेशन के शुरुआती दो दिन पार्लियामेंट में शांति बने रहने की संभावना जताई गई है। इसकी वजह है-संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के सम्मान में होने वाली स्पेशल मीटिंग।
> दरअसल, 14 अप्रैल 2016 को बाबा साहेब आंबेडकर के जन्म को 125 साल हो जाएंगे। और 26 नवंबर को देश का संविधान अपनाए जाने (1949 ) की 66वीं वर्षगांठ है।
> सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया है। इस मौके पर पार्लियामेंट हाउस पर लाइटिंग की जाएगी।
> सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने 26 नवंबर को अधिकारियों से संविधान की प्रस्तावना पढ़ने को भी कहा है।
> इस वजह से संसद का कामकाज 30 नवंबर से ही शुरू होगा। तभी सामने आएगा कि सरकार के रणनीतिकार पक्ष-विपक्ष में शांति कायम कर पाने में कामयाब हुए या नहीं।