सऊदी अरब में एक मर्द की 3 शादी, चौथी औरत तौहफे में !
जेदह (एजेंसी)। सऊदी अरब की औरतें चाहती हैं कि शादी उनके पैरों में बंधन न बने। उनकी सोशल लाइफ पर शादी का असर न पड़े। सलिए किंग अब्दुल अज़ीज़ यूनिवर्सिटी की एक प्रोफ़ेसर ने व्यापक सर्वे के बाद सऊदी अरब में बहु पत्नी एकेडमी बनाये जाने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव के मुताबिक शादी योग्य 25 से 35 साल के युवाओं की तीन महिलाओं से शादी करवायी जाये। इन तीन महिलाओं में एक कुंवारी लड़की, एक तलाकशुदा और एक विधवा होनी चाहिए।
अगर मर्द इन तीनों महिलाओं के साथ अपनी वैवाहिक जीवन के 10 साल बिना किसी शिकवा-शिकायत के गुजार ले तो उसको चौथी महिला तौहफे में दी जाये। उसका भी बाकायदा निकाह कराया जाये। यह प्रस्ताव देने वाली प्रोफेसर का नाम डॉक्टर हवाज़न मिर्जा है। डॉक्टर हवाजन का कहना है कि सऊदी अरब में शादी शुदा महिला अपने शौहर के साथ हफ्ते में दो दिन से ज्यादा नहीं रहना चाहती। वो बाकी दिनों में आजादी चाहती है। उन्होंने कहा कि इससे औरतों की इच्छा भी पूरी होगी। परिवार भी मजबूत होंगे।
डॉक्टर हवाज़न मीरज़ा ने कहा कि उन्होंने बहु पत्नी एकेडमी के गठन का विचार कई महिलाओं और लड़कियों के सामने पेश किया है और यह योजना सभी पत्नियों के एक ही घर में रहने पर आधारित हैं। सऊदी अरब की इस प्रोफ़ेसर ने कहा कि यह योजना वक़्फ़ के तऱीके पर लागू होगी और सऊदी अरब के अमीर-उमरा एक कल्याणकारी योजना के रूप में आर्थिक आवश्यकताएं पूरी करेंगे। उन्होंने कहा कि समाज की अनेक महिलाएं चाहती हैं कि हफ़्ते में केवल दो दिन अपने पति के साथ रहे ताकि शादी उनकी सामाजिक भूमिका में आड़े न आये।