अद्धयात्म

सकारात्मक ऊर्जा लाता है और सेहत सुधारता है ‘शंख’

शंख बजाना सभी को नियमित अपने दिनचर्या में सम्मिलित करना चाहिए। शंख बजाने से घर में नकारात्‍मकता दूर होती है और खुशहाली लाता है। शंख बजाने से आपके शरीर के कई रोग दूर हो जाते हैं। पूजा-पाठ के समय शंख बजाना काफी शुभ माना जाता है। शंख एकमात्र ऐसी चीज है जो समुद्र मंथन से 14 रत्‍नों के बीच प्राप्‍त हुआ था। जिस घर में शंख ना हो वहां लक्ष्‍मी कभी वास नहीं करती। मां लक्ष्‍मी और विष्‍णु जी दोनों ही अपने हाथों में शंख लिये रहते हैं। शंख की आवाज जहां तक जाती है वहां तक वायु शुद्ध हो जाती है। शंख तीन प्रकार के होते हैं, दक्षिणावर्ती, मध्यावर्ती और वामावर्ती। जिसमें से दक्षिणावर्ती शंख दाई ओर खुलता है, मध्यावर्ती बीच से और वामावर्ती बाईं ओर से खुलता है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्‍हें नहीं पता कि शंख बजाने से स्वास्थ्य लाभ भी होता है। शंख बजाने से आपके शरीर के कई रोग दूर हो जाते हैं, आइये जानते हैं इसे बजाने के क्‍या फायदे होते हैं। शंख बजाने से कई तरह के फेफड़ों के रोग दूर होते हैं जैसे दमा, कास प्लीहा यकृत और इन्फ्लून्जा आदि रोगों में शंख ध्वनि फायदा पहुंचाती है। शंख बजाने से त्‍वचा से सम्बंधित सारी समस्‍याएं दूर होती हैं। रात में शंख में पानी भरें और सुबह उठ कर इस पानी को अपने चेहरे पर लगाएं। इससे आपकी त्‍वचा संबंधी जो भी बीमारियां होंगी वो दूर हो जाएंगी। हड्डियां में मजबूती आती है
शंख में रखे पानी को नियमित पीने से हड्डियां मजबूत होती है और दांत जल्‍दी खराब नहीं होते। जिन लोगों को कब्‍ज की शिकायत होती है वो अगर रात भर शंख में पानी भर कर रखें और सुबह उसी पानी का 3 दिनों तक नियमित सेवन करें तो उन्‍हें कब्‍ज से मुक्‍ती मिल सकती है। वे लोग जो बात-बात पर हकलाने लगते हैं अगर शंख बजाएं तो उनकी स्‍पीच में सुधार आएगा और उनके वोकल कॉड्स का व्‍यायाम होगा। यदि किसी को विषैला कीड़ा काट ले तो उसके काटे हुए स्‍थान पर गो मूत्र लगाएं। यह गो मूत्र शंख में भर कर रखा हुआ होना चाहिये। इससे जहर तुरंत ही उतर जाएगा। जो लोग पूजा करते समय नियमित शंख बजाते हैं उन्‍हें कभी हार्ट आटैक नहीं आता।

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