सज्जन कुमार ने हाईकोर्ट से की अपील, मुझे 30 दिन का और दिया समय
1984 में हुए सिख दंगों में दोषी पाए जाने वाले सज्जन कुमार को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई गई। वहीं आज 1984 सिख दंगों के एक और मामले की सुनवाई को पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 जनवरी तक के लिए टाल दिया। इस मामले में भी पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को हत्या और दंगे भड़काने का आरोपी बनाया गया है। आपको बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने 6 सिखों की हत्या करने वाले आरोपी सज्जन कुमार को दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनाई।
कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सरेंडर करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया। जिसके चलते आज सज्जन कुमार ने सरेंडर करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से 30 दिन का समय मांगा है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को इस पर सुनवाई होगी। वहीं इससे पहले केस के वकील एचएस फुल्का ने मीडिया से कहा कि मैंने पीड़ितों को सुझाव दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में न जाएं, क्योंकि यदि दोनों पक्ष अपील फाइल करते हैं, तो कोर्ट विस्तार से सुनवाई करेगा। इसके जगह हमें सज्जन कुमार की अपील को जल्द से जल्द खारिज किए जाने पर ज़ोर देना चाहिए, क्योंकि मृत्यु तक आजीवन कारावास की सज़ा मृत्युदंड से बेहतर सज़ा है।
आपको बता दें साल 1984 में हुए सिख दंगों में दोषी साबित हुए वाले सज्जन कुमार की मुसीबत और ज्यादा बढ़ गई है। दिल्ली में सज्जन के खिलाफ नानावती कमीशन से जुड़े मामले में एक केस दर्ज हुआ है। अभी 84 दंगों में सज्जन को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। हुईं अब एक और केस दर्ज हो गया है। जाहिर है सजा सुनाये जाने के बाद सज्जन ने कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाने की अपील भी करेगा।
1984 दंगों में दोषी पाए जाने वाले सज्जन कुमार को पार्षद से सीधे सांसद का टिकट मिला था। यही नहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्मप्रकाश को हराकर अपना दबदबा बनाया था। बता दें कि सन् 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों में सबसे मुख्य आरोपी के नाम के तौर पर सज्जन कुमार का नाम आ चुका है। दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई और 31 दिसंबर तक उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा।