दस्तक टाइम्स एजेंसी/राजधानी देहरादून की सड़कों पर ट्रैफिक कैसे रेंगता है, जिलाधिकारी ने भी इसका अहसास किया।
लालपुल से दून अस्पताल तक के दो किलोमीटर से अधिक के सफर को तय करने में उन्हें तकरीबन 23 मिनट लग गए। इस दौरान डीएम की इनोवा कार दूसरे वाहनों की तरह सड़क पर रेंगती रही। लेकिन एक बार भी सायरन नहीं बजाया गया और न ही आगे निकलने में किसी तरह की जल्दबाजी दिखाई गई। दून चौक पर डीएम के गनर ने गाड़ी से उतरकर ट्रैफिक को निकालने की कोशिश जरूर की।
पटेलनगर स्थित उद्योग निदेशालय की बैठक के बाद जिलाधिकारी रविनाथ रमन इनोवा कार से 12 बजकर 55 मिनट पर लालपुल की लालबत्ती पर पहुंचे। इनोवा दूसरे वाहनों की तरह लाइन में खड़ी रही। हरी बत्ती होने के बाद डीएम की कार आगे बढ़ी। उस समय सड़क पर बहुत अधिक ट्रैफिक था।
अमर उजाला संवाददाता भी अव्यवस्थित ट्रैफिक का आकलन करने के लिए डीएम की कार के पीछे हो लिया। भूसा स्टोर के कट से दूसरी साइड का यातायात निकलने के कारण आईएसबीटी रोड की तरफ वाहनों की कतार लगी रही। डीएम भी आम लोगों की तरह वाहन में बैठे रहे और उनकी कार रेंगती रही। रास्ता खुला तो आढ़त बाजार तक यही हालात रहे।
कचहरी गेट पर पहुंचे तो फिर जाम में फंस गए। यहां वाहनों की लंबी कतार थी। आईजी आफिस पार करने के बाद डीएम की कार से उतरे गनर ने ट्रैफिक निकालने की कोशिश शुरू कर दी, तब जाकर जिलाधिकारी वहां से निकल सके। डीएम की इनोवा ने पूरे रास्ते लाइन तोड़कर आगे निकलने की कोशिश नहीं की।
गंदगी के ढेर से अवरुद्ध रहा यातायात
एसएसपी आफिस के बाहर नाले से निकाली गई गंदगी के ढेर दोनों तरफ लग जाने के कारण ट्रैफिक बाधित होने का बड़ा कारण रहा। गंदगी के ढेर ने आधी सड़क घेर लिया था। दूसरे, आरा घर से कचहरी की तरफ से आने वाला ट्रैफिक वन-वे नहीं था।
दो दिन के अवकाश के बाद सरकारी दफ्तरों के खुलने की वजह से ट्रैफिक का दबाव था। एबीवीपी के प्रदर्शन के कारण कई मार्गों का यातायात डायवर्ट किया गया था। इस कारण कई मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव और बढ़ गया है। बाद में अतिरिक्त पुलिस बल लगाकर ट्रैफिक को सुचारू किया गया।