ज्ञान भंडार
सड़क हादसे में घायल होते थे स्कूल के बच्चे, ग्रामीणों ने चंदे जमा कर बनवाया ब्रिज
शिमला/साेलन.हिमाचल के सोलन से करीब दो घंटे की दूरी पर है भूमति गांव। पहाड़ों के बीच 69 साल से यहां एक एेसा स्कूल चल रहा है, जो सड़क के दोनों ओर है। चाहे प्रेक्टिकल क्लास हो या फिर स्पोर्ट्स प्रेक्टिस। बच्चों को लिंक रोड पार करनी ही पड़ती है। पहले यहां अक्सर हादसे होते थे। वाहनों की चपेट में आने से कई बच्चों को चोट आ चुकी थी। अब ऐसा नहीं होता। बच्चों को फुट ओवर ब्रिज जो मिल गया है। गांव वालों ने डोनेट किया पैसा…
– बता दें कि ब्रिज यूं ही नहीं बना। पहल स्कूल के प्रिंसिपल ने की। खुद जीपीएफ के ढाई लाख रुपए दे दिए।
– गांव वालों ने भी चार लाख रुपए जुटाए। बाकी पैसा सरकार ने दिया। तब जाकर बना यह फुट ओवरब्रिज।
– कुछ समय पहले ही इसका काम पूरा हुआ है। स्कूल 1947 में खुला था।
– 1972 से पहले तक स्कूल के बीच से कच्ची सड़क गुजरती थी, बाद में पक्की सड़क बना दी गई।
– यह सड़क शिमला जाती है। रोज 40-45 बसें और ट्रक यहां से गुजरते हैं।
– स्कूल के टीचर बताते हैं-पहले बच्चों को अकेले खेल के मैदान में नहीं भेज सकते थे, फुटओवर ब्रिज बनने से परिजनों का डर भी दूर हुआ है।
चार साल तक सरकारी दफ्तर के काटने पड़े चक्कर
– बता दें कि प्रिंसिपल भूपिंदर पहले पंचायत के पास गए। सरकारी दफ्तर खटखटाए। बजट आड़े आया।
– ऐसे में प्रिंसिपल और गांव वालों ने पैसा जुटाया। बाकी 7 लाख रुपए सरकार ने दिए।
– स्कूल के एक हिस्से में जहां 12वीं तक की कक्षाएं हैं, वहीं दूसरी ओर मल्टीमीडिया सेंटर, लैब और खेल का मैदान है।
6 मई 2012 का वह हादसे वाला दिन
– प्रिंसिपल भूपिंदर गुप्ता बताते हैं-मैं ऑफिस में बैठा था। जॉइनिंग का दूसरा दिन था।
– अचानक बाहर शोर हुआ। सब बाहर भागे, पता चला- किसी वाहन ने स्कूल के बच्चे को टक्कर मार दी थी।
– बच्चे को अस्पताल भेजना पड़ा। इसी हादसे के बाद ब्रिज बनवाने का फैसला लिया गया।