नयी दिल्ली। आईएनएक्स मामले में कार्ति चिदंबरम सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे और प्रवर्तन निदेशालय के समन को रद्द करने की मांग के लिए याचिका दायर की है। इसके अलावा याचिका में मांग की है कि जो तथ्य एफआईआर में हैं उनके अलावा बाकी बातों के लिए जांच कर रही है, जो नहीं हो सकती इसलिए ईडी को जांच से रोका जाए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करेगा। इससे पहले सीबीआई ने रविवार को कार्ति चिदंबरम और आईएनएक्स कम्पनी की मालिक इंद्राणी मुखर्जी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी। इंद्राणी ने सीबीआई अधिकारियों की पूछताछ में कार्ति पर लगे आरोप दोहराये और कहा कि वह और उनके पति पीटर मुखर्जी तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कहने पर कार्ति से मिले थे। हालांकि, कार्ति ने इन आरोपों से इनकार किया।
इंद्राणी ने यह भी कहा कि उनकी कम्पनी आईएनएक्स मीडिया ने चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक डील की थी, पैसों का भुगतान एडवांटेज स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को किया गया था। कार्ति को इस मैनेजमेंट कम्पनी में मारे गए छापे से बरामद हुई 10 लाख रुपये की रसीदें दिखाई गईं तो उन्होंने कहा कि वह कम्पनी की रोजमर्रा की गतिविधियों में शामिल नहीं होते थे।
ज्ञात है कि मामला 2007 का है, जिसमें पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ रुपये विदेशी फंड हासिल करने से जुड़ा है। आरोप हैं कि आईएनएक्स मीडिया ने फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड क्लीयरेंस हासिल करने में अनियमितता बरती थी। आरोप हैं कि कार्ति की कम्पनी को यह फंड दिलवाने के लिए 10 लाख रुपये मिले थे। इस मामले को कीर्ति चिदम्बरम सुप्रीम कोर्ट लेकर पहुंचे हैं।