मुंबई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आयी, तो वह करोड़ों रुपये के कथित सिंचाई घोटाले और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की ओर से बिल्डर की फाइलों को जल्दबाजी में दी गयी मंजूरी की जांच कराएंगे। ठाकरे ने कल रात कहा कि एक समय वे (कांग्रेस -राकांपा) अच्छे दोस्त थे, अब वे एक दूसरे पर इल्जाम लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। एक (अजित पवार) ने कहा कि उन दस्तावेजों को पाने के लिए वह आरटीआई दायर करेंगे जिन पर चव्हाण ने दस्तखत किये, जबकि दूसरे (चव्हाण) ने कहा कि कानून उन्हें वैसे ही पकड़ लेगा जैसे जयललिता के साथ हुआ। पर दोनों को चिंता नहीं करनी चाहिए। वोट मिलने पर सत्ता में आने के बाद मैं आपकी सभी फाइल खोलूंगा और और असलियत सामने लाउंगा। वह उपनगर बोरिवली में दशहरा रैली को संबोधित कर रहे थे। शिवसेना के कई कार्यकर्ताओं के साथ आरपीआई के नेता राम पंडागले और अर्जुन डांगले भी वहां मौजूद थे। ठाकरे ने सत्ता में आने पर बाल ठाकरे स्मारक बनाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, राज्य में सत्ता में आने पर हम सुनिश्चित करेंगे कि मेरे पिता बाल ठाकरे का एक स्मारक बने जो अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो। लेकिन, मैं इसके लिए दूसरी पार्टियों से मदद नहीं लेना चाहता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवाजी महाराज के इर्द-गिर्द घूमते भाजपा के प्रचार अभियान के नारों पर चुटकी लेते हुए ठाकरे ने कहा कि शिवसेना खामोश नहीं बैठेगी। ठाकरे ने कहा, हमारे राजा शिवाजी महाराज ने हमें सिखाया कि दिल्ली के सामने घुटने मत टेको। इसलिए, हम ऐसा नहीं करेंगे। एजेंसी