सत्यार्थी और मलाला का अमेरिका में सम्मान
वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट ने आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित कर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई का सम्मान किया है। प्रस्ताव में इन दोनों हस्तियों को शांति का प्रतीक कहा गया है। प्रस्ताव निवर्तमान सीनेटर टॉम हरकिन की ओर ले लाया गया था। यह आखिरी प्रस्ताव था जिसे मंगलवार को 113वीं कांग्रेस में अमेरिकी सीनेट ने पारित किया। इसमें कहा गया कि सत्यार्थी ने निजी तौर पर 82 हजार से ज्यादा बच्चों को बाल श्रम के सबसे खराब रूप से बचाया है। जबकि मलाला ने पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा को तब से बढमवा दिया जब वह महज 11 साल की थीं। वह शिक्षा की वैश्विक पहुंच की पैरोकार हैं। हरकिन ने कहा, मुझे खुशी है कि सीनेट ने बाल अधिकारों के लिए इन दो शानदार हस्तियों को मान्यता दी है। हरकिन खुद बाल श्रम को समाप्त करने के समर्थक रहे हैं। उन्होंने ही पहली बार सत्यार्थी को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए 2005 में नामित किया था। उन्होंने सत्यार्थी को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाल श्रम के सबसे खराब रूप के उन्मूलन के लिए नामित किया था। निवर्तमान सीनेटर ने कहा, सत्यार्थी के प्रयासों से न केवल हजारों बच्चों का बचपन बचा है बल्कि इस महत्वपूर्ण लड़ाई में कार्रवाई करने के लिए अनगिनत लोगों को प्रेरणा मिली है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सत्यार्थी और मलाला की पहल दुनियाभर में बाल श्रम को समाप्त करने और बाल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारों, नागरिक संगठनों और व्यक्तियों को नए सिरे से प्रेरित करेगी। एजेंसियां