सपा, कांग्रेस में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध का श्रेय लेने की होड़
लखनऊ : मेरठ और मुजफ्फरनगर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में हिंसा का शिकार हुए लोगों और उनके परिजन से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को मुलाकात की। प्रियंका सबसे पहले मुजफ्फरनगर में हिंसक प्रदर्शन में मारे गए नूर मोहम्मद के घर गईं। उन्होंने पीड़ितों को मदद का भरोसा दिया और कहा कि कांग्रेस पुलिस की अमानवीय कार्रवाई के खिलाफ लड़ई जारी रखेगी। इसके बाद मेरठ के परतापुर में पीड़ितों से मिलीं। उधर, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) में सीएए के विरोध का श्रेय लेने की होड़ लगी है। सपा का कहना है कि कांग्रेस का प्रदर्शनों से कोई लेना-देना नहीं था। प्रदेश में लोकतंत्र बचाने की लड़ाई सिर्फ सपा कार्यकर्ताओं ने लड़ी। प्रियंका ने मुजफ्फरनगर में मौलाना असद मोहम्मद से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली।
असद ने बताया कि पुलिस अचानक आई और मदरसे से बच्चों को उठाकर लेकर गई। काफी लोगों को चोटें आई थीं। कई बच्चों को जेल में डाल दिया गया। कुछ को रिहा किया गया तो कुछ अभी जेल में बंद हैं। नूर की पत्नी से मिलने के बाद प्रियंका ने कहा, ”परिवार की कहानी दर्दनाक है। नूर की पत्नी (22 साल) गर्भवती है। उसकी डेढ़ साल की बेटी भी है। वह अब पूरी तरह से अकेली हो गई। हम उसकी हर संभव मदद की कोशिश करेंगे। हमने राज्यपाल को ज्ञापन दिया था। इसमें यह बताने का प्रयास किया है कि पुलिस ने किस तरह प्रदर्शन के दौरान ज्यादती की। हम पीड़ितों की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरेंगे। उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे।”