सपा को लगा डर कि कहीं मुलायम की रैली फ्लाप न हो जाये
सूबे में सत्तारुढ़ सपा के भीतर पिछले दिनों से मचे सियासी घमासान का असर अब दिखायी देने लगा है. बीते दिनों पहले मुलायम के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में सपा के सभी चारों युवा संगठनों के अध्यक्षों ने अखिलेश यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष से हटाये जाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया था. आजमगढ़ की इस रैली से सपा का चुनावी बिगुल फूंका जाना था.
इसी रैली के बाद सपा की चुनावी मुहिम शुरू होना माना ज रहा था. बसपा ने आजमगढ़ से रैली के जरिए पहले ही शक्तिप्रदर्शन कर अपना चुनवी रिहर्सल कर दिया था. सपा यहां भीड़ जुटाकर बसपा को करारा जवाब देने की तैयारी कर रही थी. इसी बीच सपा में मचे घमासान ने आजमगढ़ में बगावत जैसे हालात पैदा कर दिए और अंततः सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह को रैली स्थगित करनी पड़ी. यह रैली छह अक्टूबर को होनी थी. फिलहाल सियासी हलकों में रैली का स्थिगत होना सपा की चुनावी महिम के लिए बड़ा झटका है.
आजमगढ में पार्टी की यूथ ईकाई में बडे पैमाने पर बगावत के चलते सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपनी आजमगढ़ रैली स्थगित कर दी है. आजमगढ़ के सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि अपरिहार्य कारणों की वजह से मुलायम सिंह की रैली स्थगित कर दी गयी है. जबकि, सपा सूत्रों के मुताबिक जिले के युवा संगठनों ने जिस तरह से बगावत का रूख अख्तियार किया है उससे पार्टी के नेताओं के भीतर इस बात का डर सता रहा था कि कहीं मुलायम की रैली फ्लाप साबित न हो जाये. मुलायम की इस रैली को सफल बनाने के लिए पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने दो दिन पहले प्रदेश कार्यालय में पूर्वांचल के कई जिलाध्यक्षों व विधायकों के साथ बैठक भी की थी. इस बैठक में प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी शामिल थे. शिवपाल ने कहा था कि सपा सुप्रीमों की यह रैली ऐतिहासिक होगी, इसके लिए आप लोग आज से ही जाकर जुट जाएँ. किन्तु आज का फरमान स्थगित का आना कहीं न कहीं प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देता है.
आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव अपनी चुनावी जनसभा का आगाज आईटीआई मैदान से 6 अक्टूबर को करने वाले थे. जिसके लिए मैदान में तैयारियों के साथ ही प्रचार वाहन, वाल राइटिंग, होर्डिंग इत्यादि की तैयारियां तेजी के साथ चल रही थी. कुछ स्थानो पर नेताओ के होर्डिग भी लग गये थे. लेकिन रैली स्थगित के फरमान ने सभी को चौंका दिया है.