उत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

सपा नेता की हत्या में ‌चौकी इंचार्ज और छह सिपाही सस्पेंड

काकोरी के दोना गांव में रविवार देर शाम सपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व जिला उपाध्यक्ष असलम की (45) की हत्या के मामले में एसएसपी मंजिल सैनी ने मंगलवार शाम घुरघुरी तालाब चौकी इंचार्ज अवधेश सिंह यादव और छह सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया।एसओ शशिकांत यादव को फटकार लगाते हुए एसएसपी ने दो दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। लखनऊ के एक इलाके में हुई सपा नेता की हत्या के मामले में एसएसपी ने चौकी इंचार्ज और छह सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया। 

एसएसपी ने बताया कि हत्या में स्थानीय पुलिस की लापरवाही उजागर होने पर चौकी इंचार्ज सहित बीट कांस्टेबल ह्रदयेश कुमार, प्रथम सिंह, मनीष यादव, हरगोविंद यादव, रमेश यादव और रमेश चंद्र सोनकर को सस्पेंड कर दिया गया है।

उन्होंने एसओ को चेतावनी दी है। उधर, हत्या के नामजद आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल सका है। ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय पुलिस आरोपियों का ठिकाना जानती है लेकिन मामला राजनीतिक होने के चलते हाथ नहीं डाल रही।

दोना गांव में भी तनावपूर्ण माहौल है। हत्यारोपियों के घर पर हमले की आशंका से मंगलवार को भी यहां भारी फोर्स तैनात रही। गौरतलब है कि दोना गांव की प्रधान शीबा के पति व सपा नेता असलम की रविवार देर शाम गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी।

आरोपी गांव के ही फरीद, इब्राहिम आदिल, कलीम, तहजीब, मेहरबान व शुएब ने बहाने से बुलाकर असलम व उसके भाई सगीर, शमीम और मुन्ना पर हमला कर दिया था। 

पुल‌िस की लापरवाही ‌से बढ़ी व‌िरोध‌ियों की ह‌िम्मत

मुन्ना ने फरीद और उसके भाई इब्राहिम समेत दस लोगों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी। सोमवार को पुलिस ने एक नामजद मेहरबान सिंह को गिरफ्तार किया था जबकि बाकी का पता नहीं चल सका है।

असलम और फरीद व इब्राहिम के बीच चुनावी रंजिश के अलावा अवैध खनन और वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। फरीद ने गांव में पांच बीघा ग्राम समाज की जमीन पर भी कब्जा कर रखा था जिसका असलम विरोध करता था।

मुन्ना ने बताया कि पुलिस की लापरवाही के चलते ही विरोधियों की हिम्मत बढ़ी और उन्होंने असलम की घेराबंदी कर उसे मौत के घाट उतार दिया। पुलिस जानती थी कि दोनों पक्ष के बीच रंजिश चल रही है।

कई बार झगड़ा हो चुका है। मृतक असलम के परिवारीजन खुलेआम घूम रहे आरोपियों से सुरक्षा के लिए पुलिस से संपर्क करते रहे। थाना से लेकर चौकी तक के चक्कर काटते रहे। इसके बाद भी पुलिस ने लगातार लापरवाही बरती और रंजिश को गंभीरता से नहीं लिया।

आरोपी पक्ष के खिलाफ असलम ने मुकदमा भी दर्ज कराया था जिसमें फरीद व अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जमानत पर छूटने के बाद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की।

इसके अलावा मुकदमे में चार्जशीट भी नहीं दाखिल की जा सकी है। पुलिस की भूमिका पर परिवारीजनों के आरोप लगाने के बाद एसएसपी ने जांच कराई तो मामला सही पाया।

चौकी इंचार्ज ने बनाई कार्रवाई रिपोर्ट

असलम की हत्या के बाद चौकी इंचार्ज ने अपनी गर्दन फंसते देखकर आरोपियों के खिलाफ आनन-फानन में निरोधात्मक रिपोर्ट तैयार कर दी। एसएसपी मंजिल सैनी मंगलवार को इस प्रकरण में अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी लेने काकोरी थाना  पहुंची तब इसका खुलासा हुआ।

पुलिस के इस खेल पर एसएसपी ने चौकी इंचार्ज और एसओ  को जमकर फटकार लगाई। एसएसपी ने बताया कि रवि‌वार देर शाम असलम की हत्या के बाद परिवारीजन एफआईआर दर्ज करान पहुंचे तब चौकी इंचार्ज को अपनी गर्दन फंसने का भय सताने लगा।

उसने एफआईआर लिखने से दो घंटे पहले ही फरीद और इब्राहिम सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार की । थाना की जनरल डायरी में इस रिपोर्ट की एंट्री की गई लेकिन मजिस्ट्रेट के पास नहीं भेजा गया।

एसएसपी ने तत्काल डीएम से बात कर चौकी इंचार्ज और छह सिपाहियों के निलंबन के आदेश जारी किए। चुनाव आयोग को भी निलंबन की सूचना भेजी जा रही है। 

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