सपा पार्षद बंटू यादव को सरेआम गोली मारने वाला आरोपी गिरफ्तार
हत्थे चढ़े हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस अफसरों के सामने बेबाकी से कहा कि बंटू की हत्या के इरादे से चार महीने से तमंचा लेकर घूम रहा था। मौके की तलाश थी। गाली का जवाब गोली से दिया है। वहीं दूसरे आरोपी ने खुद को बेकुसूर बताते हुए राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में फंसाए जाने की बात कही।
एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि बंटू यादव पर हमले के मुख्य आरोपी शिव यादव को पुलिस, क्राइम ब्रांच व सर्विलांस सेल की टीम ने सोमवार शाम सआदतगंज के तोपखाना चौपटिया में उसके फूफा प्रभुदयाल के घर से गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से वारदात में इस्तेमाल .315 बोर का तमंचा, खोखा व दो कारतूस बरामद हुए।
इसके अलावा वारदात में नामजद नरही निवासी वैष्णव को भी पकड़ा गया है। पार्षद बंटू यादव व आरोपी शिव यादव के बीच 15 साल से वर्चस्व की जंग चल रही थी। दोनों हजरतगंज कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर हैं। इलाके में अवैध निर्माण, ठेकेदारी व अन्य विवादों के चलते बंटू व शिव में तनातनी बढ़ती जा रही थी। चार महीने पहले बंटू ने साथियों की मदद से शिव की पिटाई की थी। उसने रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन बंटू ने भी क्रॉस केस लिखाया।
पुलिस अफसरों व मीडिया के सामने जुर्म कुबूलने के साथ शिव यादव ने कहा कि उसने गाली के जवाब में बंटू को गोली मारी। वह मोहल्ले में पुताना देवी की मौत पर शव यात्रा में शामिल होने गया था। करीब 20-25 मिनट बाद बंटू आया।
सभी लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए मेरे पास से गुजरा और मां की गाली देते हुए अर्थी उठाने के लिए झुका। कई लोगों के बीच अपमान से खून खौल उठा। तमंचा निकाला और बंटू को गोली मारकर टहलते हुए चला गया।
दहशत में बंद है लोगों की जुबान
मौके पर मौजूद लोगों द्वारा पकड़ने की कोशिश को लेकर सवाल पर शिव यादव ने कहा कि लोगों में बंटू की दहशत थी। लोग उसे दिखावे के तौर पर जुड़े थे। डेढ़-दो सौ लोग मौजूद थे। कई लोगों ने उसे गोली मारकर जाते देखा लेकिन कोई पीछे नहीं आया।
वह पैदल टहलते हुए जियामऊ तक गया। वहां से ऑटो बदलते हुए फूफा प्रभुदयाल के घर पहुंचा। वहीं पुलिस का कहना है कि शिव यादव और उसके परिवारीजनों की इलाके में दहशत के चलते लोग बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।
बंटू को गोली मारे जाने की बात पता चलते ही वह रंजिश में फंसाए जाने के डर से भाग निकला।चुनाव में
शिकस्त व ठेका छिनने से शुरू हुई थी जंग
बंटू यादव पर कातिलाना हमले के आरोप में गिरफ्तार शिव यादव ने हमले की वजह बयां की। बोला- 15 साल पहले बंटू उसके पिता बद्री यादव को हराकर पार्षद बना। इसके तुरंत बाद तहबाजारी का ठेका छीना और रोजीरोटी के पीछे पड़ गया था।
इलाके में वर्चस्व बनाकर चुनाव जीतता रहा और प्रतिद्वंद्वी बद्री यादव व उसके परिवार को नीचा दिखाने के साथ ताने देता था।शिव ने पुलिस को बताया कि 2006 में उसकी मां मधु यादव ने पार्षद का चुनाव लड़ा, लेकिन बंटू की पत्नी जीती।
इसके बाद बंटू ने पार्क रोड पर उसका होटल बंद कराया और परेशान करने लगा। इस बीच 2009 में शिव ने हलवासिया स्थित आईसीएफएआई से एमबीए किया। शिव की बहन ने अंतरजातीय युवक से प्रेमविवाह किया तो बंटू लोगों के बीच ताने देकर नीचा दिखाने लगा। आजिज आकर उसने भी मुकाबले की तैयारी शुरू की।
इसकी भनक लगने पर बंटू ने साथियों की मदद से 16 जून को हमला किया। शिव ने इलाके के कई व्यापारियों के नाम उजागर करते हुए कहा कि बंटू से अदावत का पता चलने पर उन लोगों ने उकसाया, लेकिन पत्नी व बच्चों के चक्कर में टालता रहा। चार माह पहले ही बंटू को ठिकाने लगाने का इरादा बनाया था।
शिव सिंह की इस बात से उसके मन में बंटू के प्रति पल रही नफरत साफ नजर आ रही थी। क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर भगवान सिंह ने बताया कि बंटू और शिव सिंह के बीच रंजिश में बंटू पिछले करीब 10 साल से भारी पड़ रहा था।
वह शिव सिंह को जलील करने का कोई भी सार्वजनिक मौका नहीं छोड़ता था। एक बार उसने अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने घर के सामने से गुजर रहे शिव सिंह को जमकर पीटा था। शिव सिंह ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई थी।
इसके अलावा कई ऐसी छोटी-छोटी बातें रोज होती थीं जिससे शिव सिंह के मन में बंटू के खिलाफ ज्वालामुखी उबलने लगा था। रविवार को यह ज्वालामुखी फटा और उसने बंटू को गोली मार दी।
एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि शिव यादव ने जुर्म कुबूलने के साथ अकेले ही वारदात अंजाम देने की बात कही है। वैष्णव खुद को बेकुसूर बता रहा है, लेकिन उसकी लोकेशन मौके पर थी। कई लोगों ने उसे देखा। बंटू से उसकी रंजिश के चलते नामजद कराया गया और पुलिस ने उसे पकड़ा।
तहकीकात में बेगुनाह साबित होने पर उसे छुड़ाया जाएगा। इसी तरह बिल्डर सिराज अहमद, शान वारसी व मुंदर की हमले में संलिप्तता की तहकीकात की जा रही है। सुबूत हाथ लगने पर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
डीआईजी कर रहे थे निगरानी
हमलावरों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच, साइबर सेल, सर्विलांस सेल व हजरतगंज पुलिस सहित आठ टीमें लगाई गई थीं। डीआईजी डीके चौधरी खुद कार्रवाई की निगरानी कर रहे थे। टीम में हजरतगंज इंस्पेक्टर विजयमल यादव, दरोगा रमेश चन्द्र यादव, प्रेम चन्द्र सिंह, विजयवीर सिरोही, फिरोज बदर और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर भगवान सिंह शामिल रहे।
वारदात में इस्तेमाल तमंचे के सवाल पर शिव यादव ने खुलासा किया कि बंटू के विरोधी मुंदर ने उसे तमंचा और कारतूस दिए थे। दरअसल, मुंदर व उसके भाई शान वारसी ने पिछले साल गणेश पूजा के मौके पर बंटू की हत्या के इरादे से फायर किया था, लेकिन वह बच गया। इन दोनों की भी ठेकेदारी व वसूली को लेकर बंटू से रंजिश चल रही है।