सपा सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को रेप केस में मिली जमानत
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लखनऊ। प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री और रेप केस के आरोपी गायत्री प्रजापति को जमानत मिल गई। पॉस्को कोर्ट से गायत्री को जमानत दी गई। एक युवती ने आरोप लगाया था कि प्लॉट दिलाने के बहाने गायत्री और उसके दो साथियों ने उसके साथ रेप किया।
गायत्री प्रजापति को जमानत मिलते ही समर्थकों में छाई खुशी
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को और उनके दो साथी पिंटू और विकास को भी अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया। इन सभी को कोर्ट ने एक एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी है।
करीब एक महीने से थे जेल में
गायत्री प्रजापति के वकील सुनील सिंह ने बताया कि पिछले एक महीने से लखनऊ के आदर्श कारागार में बंद गायत्री प्रजापति मंगलवार की देर शाम तक जेल से रिहा हो सकते हैं। चुनाव के दौरान ही उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। तब वे फरार हो गए थे, लेकिन बाद में लखनऊ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
घर पर बुलाकर किया था रेप
रेप पीड़िता के मुताबिक, साल 2014 में नौकरी और प्लॉट दिलान के बहाने उसे गायत्री प्रसाद प्रजापति ने लखनऊ स्थित गौतमपल्ली आवास पर बुलाया। वहां चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया। इसके बाद वह अपना सुध-बुध खो बैठी। बेहोशी की हालत में मंत्री और उसके सहयोगी ने रेप किया था। इसका अश्लील वीडियो बनाते हुए तस्वीरें भी ली गई थीं।
लगातार दी जा रही थी धमकी
पीड़िता का यह भी आरोप है कि अश्लील वीडियो और तस्वीरों के जरिए गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके सहयोगी साल 2016 तक उसे और उसकी बेटी को हवस का शिकार बनाते रहे। इससे तंग आकर उसने 7 अक्टूबर 2016 को थाने में तहरीर दी, लेकिन उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद पीड़िता सूबे के आलाधिकारियों से भी मिली थी।
कोर्ट ने दर्ज कराया मामला
पुलिस से जब पीड़िता को इंसाफ नहीं मिला, तो उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन वहां उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया। इसके बाद भी पीड़िता हार नहीं मानी। वह सुप्रीम कोर्ट के दर पर पहुंची।सुप्रीम कोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को जोरदार झटका देते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले में केस दर्ज करके तेजी से जांच की जाए।