रूद्रपुर(ईएमएस)। स्थायी करने के शासनादेश को लागू किये जाने की मांग को लेकर नगर निगम में चल रहे आंदोलन को समाप्त करने के लिये उच्च न्यायालय में जनहित याचिका के प्रयोग पर युवा नेता सुशील गाबा ने गहरी चिंता जताई है। गाबा नें इसे पूरी तरह से गलत बताते हुये कहा कि इन सीमित पर्यावरण मित्रों ने रूद्रपुर की कई गुना बढ़ चुकी आबादी के बावजूद दिन-रात मेहनत कर रूद्रपुर को स्वच्छ रखने का हरसंभव प्रयास किया जाता है।
इनकी नौकरी को स्थायी करना बिल्कुल बाजिव व जायज हक मानते हुये पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा 11 नवम्बर 2016 को नगर निगम के कुल 103 पर्यावरण मित्रों में से 82 को स्थायी करने का शासनादेश जारी कर दिया था। अब इसको लागू न किये जाने पर पर्यावरण मित्र विगत 2 मार्च से हड़ताल पर थे। इस हड़ताल को पहले ही दिन आदर्श चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर नयी सरकार के गठन तक रूकवाया जा सकता था। इसके बाद नगर निगम के प्रशासन व जनप्रतिनिधियों द्वारा शासनादेश लागू करने सबंधी एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर इन 82 कर्मचारियों को स्थायी कर देना चाहिये था। लेकिन 15 दिन की हड़ताल में एक भी बार मेयर एवं एमएनए ने हड़ताली कर्मचारियो से वार्ता करना गवारा नहीं समझा। उन्होनें बातचीत कर मामला हल करने की बजाय अपने एक वकील के माध्यम से उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कराकर आंदोलन को कुचल डाला।