स्थानीय संगठनों के अलावा कई राजनीतिक दलों ने भी खुले तौर पर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध किया है। अब कोर्ट आज सबरीमाला से जुड़ी सभी पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली: केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद अभी तक जारी है। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने यहां सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी। लेकिन इसका काफी विरोध हुआ और अभी तक कोई महिला (10 से 50 की उम्र) मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकी है। मंगलवार सुबह याचिकाकर्ताओं ने सीजेआई से अपील की वह इस मामले को ओपन कोर्ट में सुनें और जल्द सुनवाई करें। जिसपर CJI ने इनकार करते हुए कहा कि मामला दोपहर को तीन बजे सुना जाएगा, ओपन कोर्ट में नहीं सुना जाएगा।
अब कोर्ट के फैसले पर 48 पुनर्विचार याचिकाएं डाली गई हैं, जिन पर कोर्ट आज विचार करेगा। बता दें कि पूर्व CJI दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 28 सितंबर को 4:1 के अपने फैसले में सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ करते हुए कहा था कि यह पाबंदी लैंगिक भेदभाव के समान है। CJI रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ सबरीमाला संबंधी उसके फैसलेपर पुनर्विचार की मांग वाली 48 याचिकाओं पर न्यायाधीशों के कक्ष में विचार करेगी।
इन याचिकाओं के अलावा, इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली 3 अलग-अलग याचिकाएं सीजेआई गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ के सामने खुली अदालत में सुनवाई के लिए रखी जाएंगी। शीर्ष अदालत ने नौ अक्टूबर को एक संगठन की पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई बार कोशिश की गई कि महिलाओं को भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश दिलवाया जाए, लेकिन ये प्रयास असफल ही रहे।