सबरीमाला मामला गरमाया, कांग्रेस और बीजेपी ने बीच में छोड़ी बैठक
नई दिल्ली: सबरीमाला मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। ज्ञात हो सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना चूका है बावजूद लोग फैसला स्वीकार करने के पक्ष में नहीं दिख रहे है। इस पर राजनैतिक दल भी एक मत नहीं हो पा रहे है। इस मामले पर 15 नवम्बर को राजनैतिक दलों की बैठक भी हुई लेकिन आम सहमति नहीं बन पायी। कांग्रेस और बीजेपी बीच में ही बैठक छोड़ कर चली गयी। बैठक केरल के मुख्यमंत्री पी.विजयन द्वारा द्वारा बुलाई गयी थी। मुख्यमंत्री ने मंदिर में सभी महिलाओं के प्रवेश को लेकर हो रही खींचतान को लेकर यह बैठक बुलाई थी। इस महीने 17 नवंबर से ढाई महीनें लंबे चलने वाले ‘मंडल मकराविलाकु’ पावन महीने की शुरुआत हो रही है। इस पावन महीने के दौरान महिलाएं मंदिर में दर्शन के लिए आ सकती है। ऐसे में इसे लेकर कोई बवाल न हो इसे ध्यान में रखते हुए सीएम ने सभी पार्टी की बैठक बुलाई थी। इस पावन महीने में दर्शन को लेकर बीते एक सप्ताह में 500 से ज्यादा महिलाओं ने केरल पुलिस की वेबसाइट पर अपना पंजीकरण कराया हुआ है। केरल के मुख्यमंत्री ने इस पूरे विवाद के लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार बताया है, उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा की मामले को लेकर बीजेपी के रुख के बारे मे सभी को पता चल गया है। अब यह सभी के सामने हैं कि किस तरह के बीजेपी के नेताओं को जानबूझकर इस मामले में स्थिति बिगाड़ने के लिए कोशिशें कर चुके हैं। ध्यान हो कि पिछले सप्ताह कांग्रेस और बीजेपी ने केरल में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया था जिसमें कोर्ट ने 10 से 50 वर्ष की बच्ची और महिलाओं को मंदिर में घुसने की अनुमति दे दी थी। गौरतलब है कि केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसले के बाद सुनवाई करेगा। सीजेआई ने कहा कि अगर पुनर्विचार याचिकाएं खारिज करेंगे तो हम जनहित याचिकाओं को सुनेंगे। अगर पुनर्विचार याचिकाओं को सुनेंगे तो इनको भी टैग कर देंगे। मंगलवार को तीन बजे चेंबर में पांच जजों की बेंच 49 पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।