उन्होंने कहा कि वह सबरीमला मामले में फैसला सुनाने वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में शामिल एक मात्र महिला न्यायाधीश हैं। बता दें कि यह बात पीठ ने तब कही जब वकील मैथ्यूज जे नेदुंपरा ने उल्लेख किया और पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के सीधे प्रसारण की मांग की।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबरीमला मुद्दे को लेकर केरल की माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार पर मंगलवार को तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कम्युनिस्ट भारत की संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का सम्मान नहीं करते।
प्रधानमंत्री ने एलडीएफ सरकार और राज्य में यूडीएफ की अगुआई वाले विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि दोनों ही मोर्चे एक ही सिक्के के दो पहलू है। उन्होंने दोनों मोर्चों पर राज्य के लोगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
मोदी ने यहां एक जनसभा में कहा, ‘‘हम जानते हैं कि कम्युनिस्ट भारत की संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का सम्मान नहीं करते है।’’ उन्होंने कहा कि सबरीमला मुद्दे पर कांग्रेस के कई रूख हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वह संसद में कुछ कहती है और पतनमथिट्टा (जहां अय्यप्पा मंदिर है) में कुछ और कहती है।’’