सबरीमाला मुद्दे पर मिनाक्षी लेखी का बड़ा बयान, महिलाओं को ‘हिजड़ा’ बनाना है केरल सरकार की साजिश
केरल के मशहूर सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं ने कल यानी 2 जनवरी को प्रवेश कर सैकड़ो साल पुरानी परंपरा को तोड़ दिया। इस मामले के बाद केरल में जबरदस्त हलचल देखने को मिली और मंदिर को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया। इस कड़ी में बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने सबरीमाला मंदिर के मुद्दे पर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई उस इलाके को संघर्ष क्षेत्र में तब्दील कर रहा है, तो वह केरल के मुख्यमंत्री विजयन हैं। महिलाओं को ‘हिजड़ा’ बनाकर लेकर जाना, रात को 1 बजे… अगर वह भक्त महिला थी, तो दिन में आना चाहिए था, लेकिन रात को यह कार्यवाही की गई।
बिंदु और कनकदुर्गा नाम की इन दो महिलाओं ने कल सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर मंदिर के दर्शन किए। जिसके बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सबरीमाला कर्म समिति और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद ने 12 घंटे के हड़ताल पर है। वहीं इस मामले के मचे हंगामे को लेकर अब प्रदर्शन करने वाले 266 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हड़ताल के दौरान पथराव हुआ। पुलिस ने बताया कि पंडालम में पथराव में गंभीर रूप से घायल हुए 55 साल के एक व्यक्ति की मौ’त हो गयी।वहीं केरल के अलावा दूसरे राज्यों में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। बेंगलुरु के मैसूरु बैंक सर्कल में प्रदर्शन किया गया।
महिलाओं के प्रवेश के बाद शुद्धिकरण को लेकर बवाल- शुद्धिकरण को लेकर आज मुख्यमंत्री विजयन ने बयान में निंदा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयप्पा मंदिर में कल बहुत ही अजीब बात हुई। पुजारी ने मंदिर को बंद कर दिया और उसका शुद्धिकरण किया। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। विजयन ने कहा कि इस मामले में पुजारी भी एक पक्षकार थे इसलिए अगर उन्हें कोर्ट के फैसले पर कोई आपत्ति थी तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए था। महिलाओं के प्रवेश को लेकर खूब बवाल हो रहा है। कई सगंठनों हड़ताल पर हैं। प्रवेश करने को लेकर कांग्रेस के सांसद के.सुरेश ने सुरेश ने कहा कि हम आज केरल में काला दिवस मना रहे हैंष राज्य सरकार सबरीमाला के भक्तों की भावनाओं को चैलेंजे कर रही है। राज्य सरकार द्वारा स्पॉन्सर दो युवा महिला मंदिर गईं। ये कार्यकर्ता और माओवादी हैं।
प्रवेश करने वाली महिलाओं को मिल रहा लोगों का समर्थन- किसी ने इन दोनों महिलाओं को बधाई दी, तो किसी ने विरोध जताया। लोगों ने कहा कि अब हुई हैं 2019 की अच्छी शुरुआत। माना जाता है कि भगवान अयप्पा अविवाहित थे और महिलाओं से दूर रहते थे। इसके चलते इस मंदिर में 1500 सालों से महिलाओं के प्रवेश पर रोक हैं। लोगों का मानना है कि 10 से 50 साल की महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म यानी परिड्यस होते और इस दौरान उन्हें अपवित्र माना जाता है, जिसके कारण वे मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती।