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सबसे अनुशासित देश है जापान और केवल वहीं संभव हैं ये चीजें

नई दिल्ली : आप में से कितने लोग यह सोचते हैं कि आपका देश सबसे अनुशासित और सुव्यवस्थित देश है। वैसे कुछ लोग इसपर हां भी कहेंगे लेकिन अभी तक कोई भी देश पूर्ण नहीं है। जापान फिर भी अन्य देशों से बहुत आगे है। वहां के रोजमर्रा के नियमों के बारे में सुनकर आप चौंक जाएंगे।जापान के ट्रैफिक रूल बेहद सुव्यवस्थित होने के साथ-साथ बेहद शख्त भी हैं। अगर आपने साइकिल भी गलत तरीके से पार्क की तो उसपर भी चालान हो सकता है।

जापान के शिक्षण संस्थानों और स्कूल कॉलेजों में कोई सफाई कर्मचारी नहीं होता। यहां स्टूडेंट्स को ही सफाई का काम करना होता है। चोरी नाम की चीज यहां है ही नहीं, यहां के लोग चोरी जानते ही नहीं हैं। यहां तक कि यहां की दुकानों में भी दुकानदार नाम की चीज नहीं होती, यहां दुकानों में सारा काम वेंडिंग मशीन से होता है। यहां की ट्रेनों में बहुत भीड़ होती है। आलम ये रहता है कि यहां स्टेशनों पर पुशअप्स होते हैं। जिनका काम होता है कि ट्रेनों में लोगों को ठूंस ठूंसकर भरें। इसके लिए इनको मोटी तनख्वाह भी दी जाती है।

यहां पर हर स्पीड में चलने के लिए अलग ट्रैक होता है। यहां तक कि पैदल चलने वालों के लिए भी अलग-अलग लेन होती है।  यहां पैदल तेज चलने वालों के लिए अलग लेन और धीमे चलने वालों के लिए अलग लेन। साफ सफाई यहां पर एक अलग ही हाईट पर है। यहां लोग इतने हाईजैनिक होते हैं कि टैक्सी का दरवाजा भी छूना पसंद नहीं करते हैं। इसलिए हर प्रकार के टैक्सी के दरवाजे भी आटोमैटिक बनाए जाते हैं। यहां एंटी पॉल्यूशन मॉश भी काफी फैशनेबल बनाए जाते हैं। इसके साथ ही यहां के सफाई कर्मचारियों का काम बहुत मुश्किल है।

इसलिए नहीं की यहां पर गंदगी बहुत होती है। बल्कि इसलिए की यहां पर गंदगी नाम की चीज ही नहीं होती है, वह सफाई किस चीज की करें। यहां पर लोगों को छोटे-छोटे चिपटे लेकर रोड और अन्य जगहों पर गंदगी ढूंढनी होती है। यहां पर गाड़ी खरीदने से पहले प्रूफ करना पड़ता है कि आपके पास पार्किंग की व्यवस्था है या नहीं। लेकिन यहां पर एक चीज सबसे बुरी है। यहां पर इतनी सुविधाएं होने के बावजूद सबसे ज्यादा जान जाने का कारण आत्महत्या है।

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