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सब्जी विक्रेता के नाबालिग बच्चे की गिरफ़्तारी में 2 थाना प्रभारी और नौ पुलिसकर्मी निलम्बित

पटना : मुफ्त में सब्जी न देेने पर पटना पुलिस ने नाबालिग को झूठे मामले में फंसाकर गिरफ्तार कर लिया था। मामले में अगमकुआं थाने के सभी अधिकारियों और स्टाफ़ को पुलिस लाइन में जाने का आदेश दिया गया है। ये कार्रवाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से दिये गये जांच के आदेश के बाद की गई है। दरअसल पटना के पत्रकार नगर थाना इलाके में एक सब्ज़ी विक्रेता सुकून पासवान के 14 वर्षीय पुत्र पंकज को केवल इस आधार पर गिरफ़्तार कर लिया गया, क्योंकि उसने स्थानीय थाने को मुफ़्त में सब्ज़ी देने से इनकार कर दिया था। घटना 20 मार्च की है। पुलिस ने पंकज की पहचान कुछ और अन्य लड़कों के साथ एक वाहन चोर गैंग के रूप में पुलिस ने दिखाई, उनके पास से एक पिस्टल, चार बाइक और कुछ रुपये की बरामदगी दिखायी गयी थी। इस मामले में पाया गया कि बच्चा नाबालिग है और उसकी गिरफ़्तारी ग़लत ढंग से की गई है। आईजी नैयर हसनैन खान ने जांच में पाया है कि गिरफ़्तारी घर से हुई लेकिन पुलिस ने कोई अलग जगह बताई थी। इसके अलावा बच्चे के पास से मोटर साइकिल बरामद करने का दावा भी किया गया था लेकिन वह भी झूठ निकला।इसके अलावा इस जांच के दौरान प्राथमिकी में भी कई ग़लतियां पायी गईं और चार्जशीट भी बिना उच्चाधिकारियों की समीक्षा के बिना कोर्ट में दाखिल कर दी गई। हालांकि जांच में सब्ज़ी न देने पर गिरफ़्तारी के दावे के समर्थन में सबूत न मिलने को बात कही गयी है। लेकिन इस रिपोर्ट में दो थानों के प्रभारियों को निलंबित करने के अलावा छापा मारने वाली टीम के नौ लोगों को भी निलंबित कर दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही उस समय उस इलाक़े के एसडीपीओ के भी स्तर पर कई खामियां पाई गई हैं और उन्होंने मामले को ठीक से जांचने की भी जरूरत नहीं समझी, अब पटना पुलिस को जल्द कोर्ट में बच्चे को रिहाई के लिए आग्रह कर जेल से छुड़ाने का आदेश दिया गया है।

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