बैंक खाता धारकों को अब कैश निकालने के लिए एक नियम को फॉलो करना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो बैंक जाकर कैश लिए बिना वापिस आना होगा। सभी बैंकों ने यह नियम काफी समय पहले बदल दिया था, लेकिन देखने में आया है कि लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। दरअसल, अभी तक बैंक खाता खुलवाने के लिए आधार अनिवार्य था, लेकिन अब बैंक खाता बंद करने के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। अब लोगों को बैंक से कैश का लेन देन करने के लिए ओरिजिनल डोक्यूमेंट दिखाने होंगे। इसके लिए डोक्यूमेंट साथ लेकर ही बैंक जाना होगा।
लीड बैंक फतेहाबाद के अधिकारी जीएस मल्होत्रा ने बताया कि सरकार की ओर से जारी निर्देशों के तहत बैंकों को फोटो कॉपी के साथ ओरिजिनल डोक्यूमेंट का मिलान करना होगा। अगर ऐसा नहीं होगा तो लोगों को कैश नहीं मिलेगा। निर्देशों के तहत 50 हजार से ज्यादा कैश निकालने के लिए लोगों को ओरिजिलन डोक्यूमेंट साथ रखने होंगे, तो जब भी बैंक जाएं ये बात ध्यान दें। जीएस मल्होत्रा ने खाताधारकों से जल्द से जल्द अपना बैंक अकाउंट नंबर आधार से लिंक कराने का आह्वान किया है। रिजर्व बैंक के अनुसार, बैंक उपभोक्ताओं के लिए 31 मार्च तक आधार नंबर लिंक करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर बैंक ऐसे खातों को फ्रीज कर सकता है और फ्रीज खातों को रिजर्व बैंक और आयकर विभाग की अनुमति के बिना दोबारा एक्टिव कराना मुश्किल हो सकता है। आयकर और लीड बैंक के सूत्रों की मानें तो नोटबंदी के बाद से जनधन खातों पर विशेष नजर रखी जा रही है। दरअसल साल 2014 के बाद से जीरो बैलेंस पर फतेहाबाद जिले में हजारों लोगों के जनधन खाते खोले गए। लेकिन अगले एक साल तक इनमें से अधिकतर खातों में कोई लेन-देन ही नहीं हुआ। बीते साल नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद एकाएक इन खातों में धड़ाधड़ पैसे जमा होने लगे। जिसके बाद आयकर विभाग की भी नजर जनधन खातों पर पड़ी।
लीड बैंक के आंकड़ों की मानें तो नोटबंदी के बाद फतेहाबाद जिले के बैंकों में पुराने नोटों की शक्ल में तकरीबन 12 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि जमा हुई। इसी तरह फतेहाबाद जिले के सैकड़ों जनधन खातों में भी करोड़ों रुपये जमा हुए थे। सूत्रों की मानें तो जल्द ही विभिन्न बैंकों की शाखाओं में भी आधार केंद्र बनाये जा सकते हैं। हालांकि फतेहाबाद जिले में इसकी संभावना काफी कम है।
क्योंकि जिले में पहले से ही लगभग 95 फीसदी आधार कार्ड बनाये जा चुके हैं। खुद प्रशासन इसकी पुष्टि कर चुका है। लेकिन जिन इलाकों में अभी आधार कार्ड नहीं बने हैं, उन इलाकों के बैंकों में ही आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इस प्रक्रिया में जिन खाताधारकों का बैंक में आधार कार्ड लिंक नहीं होगा, उनका आधार कार्ड बनवाकर खाते को लिंक कर दिया जाएगा और आधार कार्ड की कॉपी उपभोक्ता को दी जाएगी।
केवाईसी खाता बंद करने के लिए लिया जाता है, लेकिन अब केवाईसी में भी आधार नंबर मांगा जा रहा है, ताकि खाता बंद करने से पहले उसे आधार लिंक किया जा सके। इससे बंद होने वाले खाते में पुरानी ट्रांजेक्शन की भी जानकारी मिल सकेगी।’
– जीएस मल्होत्रा, लीड बैंक अधिकारी, फतेहाबाद