समाज को ज्ञान बांटने निकले देसंविवि के 71 विद्यार्थी
हरिद्वार (एजेंसी)। देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज के 71 विद्यार्थी अर्जित ज्ञान को समाज के साथ बांटने और समाज से ज्ञान अर्जित करने के लिए सोमवार को भूटान नेपाल सहित बिहार दिल्ली ओडिशा मप्र उप्र कर्नाटक के लिए रवाना हुए। ये विद्यार्थी विश्वविद्यालय के अनूठे प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत इन स्थलों के लिए रवाना हुए हैं। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को कक्षाओं में दी जाने वाली शिक्षाओं के अलावा समाज हित की विविध योजनाओं के व्यावहारिक प्रशिक्षण भी देता है। प्रत्येक विद्यार्थी विवि से अर्जित ज्ञान को समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बांटने के लिए समाज में जाता है। यह दौरा इसी प्रक्रिया का हिस्सा है। ये विद्यार्थी एक माह से लेकर एक वर्ष तक अपने-अपने क्षेत्रों में भारतीय संस्कृति योग सहित विविध कार्यक्रम सम्पन्न कराएंगे। देवसंस्कृति विवि के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने टोली को विदाई संदेश देते हुए कहा कि सच्चा लोकसेवी वह है जो अपने अर्जित ज्ञान को समाज के हित में लगाए समाज के दु:ख दर्द को बांटे। उन्होंने कहा कि ‘‘ईश्वर ने हमें बुद्धि के रूप में अमूल्य उपहार दिया है ताकि उसका उपयोग विश्व उद्यान को समुन्नत व सुसंस्कृत बनाने में लगा सके। ऐसा सुनहरा अवसर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय से जुड़ने के बाद अनायास मिल जाता है।’’ पंड्या ने ज्ञान योगी की तरह सोचने कर्मयोगी की तरह पुरुषार्थ करने तथा भक्तियोगी की तरह सहृदयता उभारने की बात कही। प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमुख व कुलसचिव संदीप कुमार ने बताया कि देसंविवि के छह महीने के पाठ्यक्रमों -धर्म विज्ञान योग विज्ञान एवं समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन- के 7० विद्यार्थी 22वें प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए रवाना हुए। छात्रों की 12 तथा छात्राओं की आठ टोलियां बनाई गई हैं। एक टोली में तीन से पांच विद्यार्थी हैं। ये विद्यार्थी भूटान नेपाल सहित बिहार दिल्ली ओडिशा मप्र उप्र कर्नाटक में एक माह से लेकर एक वर्ष तक भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार सहित योग व विविध आयोजन सम्पन्न कराएंगे। विभाग के नंद कुमार पाण्डेय एवं दिलीप शुक्ला के अनुसार टोलियों के रवाना होने से पूर्व इन युवाओं को 1० दिनों तक विभिन्न विषयों के सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिए गए।