सरकारी धनराशि के दुरुपयोग एवं विकास कार्यों की गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं : मुख्यमंत्री
गांव के अन्तिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित
लखनऊ : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पी0एम0ए0वाई0), महात्मा गांधी रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा), प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पी0एम0जी0एस0वाई0), उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यू0पी0एस0आर0एल0एम0) तथा पेयजल योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर काफी हद तक बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार इन योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में विश्वसनीय आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। स्वयं सहायता समूहों को आवश्यक तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग देकर इसके माध्यम से स्थानीय स्तर पर ही जरुरतमन्दों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के साथ-साथ ग्रामीणों के जीवनस्तर में सुधार लाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री आज यहां योजना भवन में प्रदेश के मुख्य विकास अधिकारियों एवं संयुक्त विकास आयुक्तों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार समाप्त करने एवं पारदर्शिता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक की मदद से इस लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विकासखण्ड स्तर पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर विभिन्न योजनाओं की प्रगति की अद्यतन जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार की चेन शासन स्तर तक बनायी जा सकती है।
योगी ने कहा कि योजनाओं की समीक्षा के लिए फील्डस्तर के अधिकारियों को बार-बार लखनऊ बुलाने के बजाये शासन स्तर के अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में जनता के बीच जाना चाहिए। इससे योजनाओं के सम्बन्ध में सीधे लाभार्थियों से फीडबैक प्राप्त करने एवं योजनाओं की गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। विभिन्न योजनाओं के लिए लाभार्थियों के चयन को और अधिक पारदर्शी बनाने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभा स्थित राजकीय भवनों की दीवारों पर योजनाओं के साथ-साथ लाभार्थियों का उल्लेख भी किया जाना चाहिए। इससे सभी को योजनाओं के साथ-साथ इन योजनाओं के लाभार्थियों के सम्बन्ध में भी जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने सभी स्तर पर जवाबदेही तय करने के निर्देश देते हुए कहा कि कार्मिक अनिवार्य रूप से अपने तैनाती स्थल पर निवास करें। खण्ड विकास अधिकारी कार्यालयों में बैठने के बजाए अधिक से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर चैपाल लगाएं और ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक भावना के विकास में मदद करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गांव को विकास की धुरी बनाने का आह्वान किया है। 14वें वित्त आयोग ने भी ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि देने की व्यवस्था की है। वर्तमान राज्य सरकार गांव के अन्तिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए कृतसंकल्पित है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही करने वाले कार्मिकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मनरेगा को और अधिक प्रभावी बनाने तथा इस योजना के तहत प्राप्त धनराशि को जनता के लिए और अधिक उपयोगी बनाने पर बल दिया।
योगी ने जनपद गोरखपुर में ट्रायल के दौरान पानी की टंकी के टूटने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को विकास कार्याें की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि गोरखपुर जैसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसी घटनाओं को भ्रष्टाचार के साथ-साथ आपराधिक कृत्य मानते हुए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए, जिससे भविष्य में सरकारी धनराशि के दुरुपयोग एवं विकास कार्या की गुणवत्ता से समझौता करने की प्रवृत्ति पर सख्ती से अंकुश लगाया जा सके। योगी ने कहा कि आजादी के बाद अब तक प्रदेश के जिन 1625 गांव में विकास की किरण नहीं पहुंची है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। इन सभी 1625 गांवों में अगले एक वर्ष में कोई न कोई प्रमुख योजना अवश्य पहंुचायी जाए, जिससे इन्हें भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने शहीद गांव की चर्चा करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध से अब तक शहीद सैनिकों एवं शहीद अर्द्धसैनिक बलों के गांव की सूची तैयार की जाए। इन गांवों को मुख्य सम्पर्क मार्गाें (गौरव पथ) से जोड़ते हुए इन पर तोरण द्वार भी बनाए जाएं और शहीद सैनिकों की प्रतिमाएं स्थापित करायी जाए। इससे जहां शहीदों के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति होगी, वहीं वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को राष्ट्र के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा भी मिलेगी।
इससे पूर्व, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा महेन्द्र सिंह ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ग्राम्य विकास की योजनाओं को पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूरा कराने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। उन्हेांने कहा कि प्रदेश में इससे पहले कभी भी किसी योजना के तहत 50 हजार से अधिक आवास नहीं बने, पहली बार एक वित्तीय वर्ष में 09 लाख से अधिक आवास ग्रामीण क्षेत्र में बनने जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव ने विस्तार से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में ग्राम्य विकास आयुक्त श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा एवं अधिकारी उपस्थित थे।