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सरकार ने एक साल में देशभर के 25 शहरों के नाम बदले

नई दिल्ली: सरकार ने पिछले एक साल में देशभर में कम-के-कम 25 शहरों और गांवों का नाम बदलने के आवेदन पर मंजूरी की मुहर लगाई है। जिन अहम जगहों के नाम बदलने का आवेदन उसके पास लंबित है उनमें पश्चिम बंगाल का नाम टॉप में आता है। जिनका नाम बदला गया है उनमें हालिया एंट्री इलाहाबाद और फैजाबाद की है, जिन्हें क्रमश: प्रयागराज और अयोध्या किया गया है। पश्चिम बंगाल को बांग्ला करने सहित कई जगहों के नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र के पास लंबित है। जगहों के नाम बदलने की प्रक्रिया लंबी है और इसमें कई केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की भागीदारी होती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनका मंत्रालय पिछले एक साल में देशभर में 25 गांवों और शहरों का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है।

जाने किनका बदला नाम
इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या करने का प्रस्ताव मंत्रालय को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मिला था। जिन जगहों का नाम बदलने के प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिल चुकी है उसके मुताबिक, आंध्र प्रदेश में ईस्ट गोदावरी जिले के राजामुंदरी को राजामहेंद्रवरम, उड़ीसा में भद्रक जिले के आउटर व्हीलर को ए पी जे अब्दुल कलाम आइलैंड, केरल में मलप्पुरा जिले के एरिक्कोड को एरिकोड, हरियाणा में जींद जिले के पिंडारी को पांडु-पिंडारा करना है। इनके अलावा महाराष्ट्र में सांगली जिले में लांडगेवाड़ी को नरसिंहगांव, हरियाणा में रोहतक जिले के गढ़ी सांपला को सर छोटू राम नगर, राजस्थान में नागौर जिले के खाटू कलां गांव को बड़ी खाटू, मध्य प्रदेश में पन्ना जिले के महगवां छक्का को महगवां सरकार और महगवां तिलिया को महगवां घाट, उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के शुक्रताल खादर को सुखतीर्थ खादर और शुक्रताल बांगर को सुखतीर्थ बांगर करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि नगालैंड में दीमापुर के कछेरीगांव का नाम बदलने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने हाल में खारिज कर दिया था।

दूसरे अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय जगहों के नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी संबंधित एजेंसियों के साथ सलाह करके मौजूदा दिशा-निर्देशों के हिसाब से देता है। मंत्रालय रेल मंत्रालय, डाक विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के बाद ही जगह का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी देता है। इन संगठनों को अपने रिकॉर्ड में यह चेक करना होता है कि उसमें प्रस्तावित नाम वाला कोई गांव या शहर पहले से तो नहीं है। किसी राज्य का नाम बदलने के लिए बहुमत से संसद के जरिए संविधान में बदलाव करना होता है जबकि गांव या शहर का नाम बदलने के लिए एग्जिक्यूटिव ऑर्डर काफी होता है। पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला करने का राज्य सरकार का प्रस्ताव हाल ही में यूनियन होम मिनिस्ट्री ने अपनी इस राय के साथ मिनिस्ट्री ऑफ एक्सर्टनल अफेयर्स के पास भेजा कि प्रस्तावित नाम पड़ोस के बांग्लादेश से मिलता-जुलता है। गुरुवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि राज्य सरकार अहमदाबाद का नाम कर्णावती करने पर विचार कर रही है और नया नाम लोकसभा चुनाव से पहले पक्का हो जाएगा।

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