सरकार ने शुक्रवार को प्राकृतिक गैस का दाम 16.5 फीसदी बढ़ाकर 2.89 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया. तीन साल में यह पहली वृद्धि है. इससे उत्पादकों को कुछ राहत मिलेगी, लेकिन सीएनजी के दाम बढ़ जाएंगे.
पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीसीए) ने कहा कि एक अक्टूबर से छह महीने के लिए प्राकृतिक गैस के दाम 2.48 डॉलर प्रति इकाई से 2.89 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दिए गए हैं. यह मूल्यवृद्धि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मौजूदा क्षेत्रों से होने वाले गैस उत्पादन पर लागू होगी.
लगातार पांच दौर की मूल्य कटौती के बाद प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ाए गए हैं. आखिरी बार दामों में इस साल एक अप्रैल को कटौती की गई थी. एनडीए सरकार की तरफ से अक्तूबर, 2014 में मंजूर नए मूल्य फॉर्मूला के तहत गैस कीमतों को प्रत्येक छह महीने बाद संशोधित किया जाता है. प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ने का मतलब है कि सीएनजी और पीएनजी के लिए कच्चे माल की लागत बढ़ेगी. इसके अलावा बिजली उत्पादन और उर्वरक और पेट्रो रसायन उत्पादन के लिए भी लागत बढ़ेगी.