राष्ट्रीयव्यापार

सरकार ने बनाए नए नियम, ऑनलाइन खरीदारी करने वालों के लिए बुरी खबर

एजेन्सी/  e-commerce-companies_landscape_1459324645फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और अमेजॉन जैसे ऑनलाइन पोर्टल से खरीदारी के शौकीन ग्राहकों के लिए बुरी खबर है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को खुदरा ई कॉमर्स में 100 फीसदी एफडीआई को शर्तों के साथ मंजूरी दी है। एफडीआई की इजाजत मार्केट प्लेस आधारित ई-कॉमर्स मॉडल में दी गई है। सरकार के फैसले से मौजूदा ऑनलाइन कारोबार के विनियमन में स्पष्टता आने की संभावना हैं, हालांकि ग्राहकों को इससे नुकसान हो सकता है। 

ऑनलाइन कारोबार के विशेषज्ञों का मानना है कि नए नियमों के बाद ई कॉमर्स कपंनियां ग्राहकों को छूट नहीं दे पाएंगी। फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और अमेजॉन जैसी कंपनियों के कारोबार में बढ़ोतरी ग्राहकों को भारी मात्रा में छूट देने के कारण ही हुई है। कंपनियां ये छूट प्राइवेट इक्विटी प्लेयर्स से जुटाए गए फंड्स की मदद से देती हैं। हालांकि ऑनलाइन कारोबार के इस मॉडल से आम खुदरा व्यापरियों को परेशानी हो रही थी। 

आम दुकानदार ऑनलाइन कारोबारियों की तुलना में छूट देने में सक्षम नहीं थे, जिससे ग्राहकों उनसे बिदकने लगे थे ऑन ई कामर्स के कारोबार में तेजी आई थी। सरकार के नए प्रावधानों के बाद आम दुकानदारों और ऑनलाइन कारोबारियों के बीच बराबरी की प्रतिस्पर्धा हो सकेगी।

कारोबारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी डाली थी

आम दुकानदारों ने ऑनलाइन कारोबार के नियम बनाने के लिए दिल्‍ली हाइकोर्ट में याचिका भी डाली थी। खुदरा ई-कॉमर्स में भी 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी के संबंध में डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) की तरफ से दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। ई-कॉमर्स के क्षेत्र में अब तक बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) के लिए 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी थी। 

डीआईपीपी की तरफ से जारी दिशा-निर्देश में यह भी साफ किया गया है कि इंन्वेंटरी आधारित ई-कॉमर्स के मॉडल में एफडीआई की इजाजत नहीं दी जाएगी। एफडीआई की इजाजत मार्केट प्लेस आधारित ई-कॉमर्स मॉडल में दी गई है। 

इस मॉडल के तहत सिर्फ उसी कंपनी को ई-कॉमर्स कंपनी माना जाएगा जहां क्रेता व विक्रेता को सहूलियत प्रदान करने के लिए डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के जरिए सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ा प्लेटफार्म मुहैया कराया जा रहा हो। अभी अमेजॉन व ई-बे जैसी विदेशी कंपनी भारत में ऑनलाइन खरीदारी की सुविधा मुहैया करा रही है वहीं फ्लिपकार्ट व स्नैपडील जैसी घरेलू कंपनियां ई कॉमर्स का संचालन कर रही है। 

Related Articles

Back to top button