नई दिल्ली: दिल्ली के सिख समुदाय द्वारा सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले चुटकले पर प्रतिबंध की मांग करने वाली ऑनलाइन याचिका को जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। इस मुहिम पर अब तक 72 हजार लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी ने बताया कि इस याचिका पर अब तक 45,000 ऑफलाइन तथा 27,000 ऑनलाइन हस्ताक्षर प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर तक इस याचिका पर लगभग एक लाख लोगों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने की आशा है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरु नानक जयंती पर रकाबगंज गुरुद्वारा में 28 नवंबर को इस याचिका पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने बताया कि प्रसिद्ध कॉमेडियन गुरप्रीत घुग्गी, कॉमेडियन सुनील पाल, एक्टर मनमीत सिंह, एक्टर आो.पी. राठौर, चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया सहित अनेक गणमान्य तथा प्रतिष्ठित हस्तियों ने इस याचिका पर अब तक हस्ताक्षर किए हैं।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी द्वारा इस साल तीन नवंबर को सिखों का मजाक उड़ाने वाली 5,000 चुटकुला वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने के लिए शुरू की गई ऑनलाइन याचिका को न केवल समाज के सभी समुदाय का जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है, बल्कि इस याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले ज्यादातर लोग अपनी सार्थक टिप्पणी के माध्यम से सिख समुदाय को जबर्दस्त समर्थन प्रदान कर रहे हैं।
दिल्ली के 18 स्कूली सिख संस्थाओं गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल के छात्रों में इस याचिका को लेकर जबर्दस्त उत्साह है और हाल ही में पंजाब में 129 अकाल अकादमी में पढ़ने वाले छात्रों ने भी इस याचिका को सफल बनाने का बीड़ा उठाया है। वहीं दिल्ली गुरुद्वारा रकाबगंज में गुरु नानक जयंती के अवसर पर एक दिन में रिकार्ड 20,000 सिख श्रद्धालुओं ने इस याचिका पर हस्ताक्षर किए।
मनजीत सिंह जी ने बताया कि इस याचिका का समाज पर सकारात्मक प्रभाव देखने में मिल रहा है तथा बताया कि जालंधर के प्रसिद्ध कॉमेडी कलाकारों गुरप्रीत सिंह तथा प्रभप्रीत सिंह जो पहले संता बंता के नाम से 18 साल से काम कर रहे थे। उन्होंने अब अपना नाम बदलकर जुगली शुगली के नाम कर दिया है तथा अब वह शुगली जोड़ी के ब्रांड तले काम करेंगे। उन्होंने बताया कि इस याचिका के माध्यम से सिखों को बाहदुर, दयालु, विश्वसनीय तथा जोशपूर्ण एवं व्यवसायिक कौम के तौर पर प्रदर्शित किया गया है तथा सिखों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।