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सरबत खालसा के जत्थेदार दादू वाल ने भी डेरा समर्थकों को वापसी की अपील की

लुधियाना-बठिण्डा : बलात्कारी व कातिल सौदा असाध के गुनाह आज संसार भर में उजागर हो चुके है तथा सीबीआई अदालत ने 20 वर्षों के लिए सौदा असाध गुरमीत राम रहीम को जेल की सलाखों के पिछे धकेल दिया है तथा अब डेरे के पैरोकार को भी सच स्वीकार करते हुए अपने मूल धर्मों में वापसी करनी चाहिए। इन विचारों का प्रगटावा आज बठिंडा प्रैस क्लब में पत्रकारवात्र्ता करके भाई बलजीत सिंह दादूवाल जत्थेदार त त दमदमा साहिब ने किया। जत्थेदार दादूवाल ने कहा कि डेरा सिरसा समेत मु य डेरों में सौदा असाध व उसके पैरोकारों ने हथियारों के जखीरे जमा कर रखे है। सीबीआई को उसकी तुरंत तलाशी करवानी चाहिए तथा पंचकूला में सौदा असाध की कारों में से निकले खतरनाक हथियार भी हरियाणा सरकार को ओपन करने चाहिए।

सारे घटनाक्रम में एक बात सामने आई है कि खट्टड़ सरकार ने सौदा असाध की जरुरत से अधिक मदद की है तथा आज भी उसकी मदद में लगी हुई है। सरकार को अपना राज धर्म निभाते हुए सीधे होकर अब सौदा असाध का पीछा छोड़कर सारी कार्यवाही कानून अनुसार करनी चाहिए। 2007के बाद धारा 195ए के सिक्खों पर किए झूठे पर्चें अब पंजाब सरकार को तुरंत रद्द कर देने चाहिए,क्योंकि अब सामने आ चुका है कि डेरा सिरसा मुखी कोई धार्मिक हस्ती नही तथा डेरा सिरसा भी कोई धर्म स्थान नहीं,बल्कि बलात्कारियों का अड्डा है। जत्थेदार दादूवाल ने कहा कि 1997 से हम इस पाखंडी बारे समाज को सुचेत करते आ रहे है,पंरतु उल्टा सरकारें हमें ही झूठे पर्चें पाकर गिर तार करती रही है।

1998 की 20दिसंबर को पहली बार सौदा असाध के इशारे पर बादल सरकार ने मुझे 25 साथियों समेत कोटफत्ता बठिंडा से कीर्तन दरबार रोककर गिर तार किया था तथा बाद में भी 25 के करीब झूठे पर्चें मुझ पर दर्ज किए थे,जो कुछ बरी हो गए तथा कुछ में आज भी कोर्ट में हम तारीके भुगत रहे है। सौदा असाध को माफीनामा देने व मदद करने के कारण बादलों व ऐसे जत्थेदारों को सौदा असाध के मसले पर बोलने का कोई नैतिक हक नही है। उनको जाकर सौदा असाध की खाली हुई गद्दी संभालनी चाहिए। पंजाब सरकार को पंजाब में डेरा सिरसा के अड्डे तुरंत बंद करके पक्की पाबंदी लगा देनी चाहिए।

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