स्वास्थ्य
सरसों का तेल खाने में ही नहीं, इन बीमारियों में भी है लाभदायक
सरसों दो प्रकार की होती है। पीली और लाल, गुणवत्ता के मामले में पीली सरसों ज्यादा अच्छी होती है। जानिए सरसों से होने वाले फायदे..
दांत दर्द- एक दो बार सरसों का तेल एक नथुने से सूंघने पर दांत का दर्द कुछ समय के लिए बंद हो जाता है। इसे सूंघने से नाक, कान, नेत्र और सिर को शक्ति मिलती है।
मंजन- बहुत बारीक सेंधा नमक, नीबू का रस, जरा सी फिटकरी सरसों के तेल में मिलाकर नित्य मंजन करने से दांतों और मसूढ़ों की बीमारियां, दातों के कीड़े, दर्द, मसूढ़े फूलना बंद होकर दांत मजबूत और साफ हो जाते हैं। पाचन संस्थान ठीक रहता है।
मालिश- शीत ऋतु में त्वचा की रुक्षता मिटाने एवं स्निग्ध बनाए रखने के लिए शरीर की मालिश करनी चाहिए। इससे त्वचा सुंदर दिखती है। मालिश के लिए सरसों का तेल उपयोग में लीजिए।
रात को सोते समय सरसों के तेल की मालिश करने से मच्छर नहीं काटते। कसरत से थकान होने पर पैरों पर मालिश करने से लाभ होता है।
जोड़ों का दर्द- मेरूदड़ के रोग, लकवा, उच्च रक्तचाप आदि रोगों में तलवों पर सरसों के तेल की मालिश स्वयं 5 मिनट प्रतिदिन या सप्ताह में दो बार करने से लाभ होता है।
पैरों की मालिश- भाव प्रकाश में लिखा है कि तलवों में तेल की मालिश करने से उनमें स्थिरता रहती है।
पित्ती, छपाकी- पित्ती होने पर दस्तावर औषधि देकर पेट साफ करें। सरसों के तेल की मालिश करके गर्म पानी से स्नान करें। इससे पित्ती में लाभ होता है।