राष्ट्रीयस्वास्थ्य

सरहद से बाहर भी चने ने दिखा दी अपनी ताकत

नई दिल्ली : भारतीय व्यंजन चने के बिना अधूरे है. चाहे नमकीन का कोई व्यंजन सेंव , भजिये ,आलूबड़ा हो या मीठी पूरण पोली सब में चने की दाल की जरूरत पड़ती है. कच्चे चने को ताकत बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थ के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसीलिए यह घोड़ों को भी खिलाया जाता है. इस चने ने अब भारत की सरहद से बाहर भी अपनी ताकत दिखा दी है. बता दें कि भारत में रोजमर्रा के भोजन में शामिल ‘चना’ और ‘चना दाल’ को ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में शामिल कर लिया है.

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सरहद से बाहर भी चने ने दिखा दी अपनी ताकतआपको पता ही है कि देश की राष्ट्रीय भाषा हिन्दी का दिल इतना बड़ा है कि वह दूसरी भाषाओं और बोलियों को भी खुद में समेट लेती है. इसीलिए कुछ अंग्रेजी के शब्द, जैसे कि स्कूल, टाई, क्रिकेट आदि को उसके प्रचलित रूप में ही हिन्दी ने स्वीकार कर लिया है. लेकिन चौंकने वाली बात यह है कि हिन्दी के प्रचलित शब्दों को भी Oxford के अंग्रेजी डिक्शनरी में जगह मिली है.

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उल्लेखनीय है कि हाल ही में ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में शामिल किए गए कुछ नए शब्दों को आज सार्वजनिक किया गया, जिनमें भारत में रोजमर्रा के भोजन में शामिल ‘चना’ और ‘चना दाल’ को भी शामिल किया गया है.ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में 600 से ज्यादा नये शब्द जोड़े गए है. स्मरण रहे कि हर तीन माह में डिक्शनरी में जीवनशैली और समसामयिक विषयों से लेकर शिक्षा जगत तक के नए-नए शब्दों को शामिल किया जाता है.

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