‘गूगल’ ने गौहर जान की बर्थ एनिवर्सरी सेलिब्रेट करते हुए बहुत ही कलात्मक डूडल बनाया है। इसमें गौहर जान के पीछे गूगल लिखा हुआ है और आगे गौहर जान गाते हुए दिख रही हैं। इससे गूगल ने यह दर्शाने की कोशिश की है कि कैसे गौहर जान ने अपने संगीत के जरिए पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया और भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
गौहर जान का जन्म 26 जून, 1873 को उत्तर प्रदश के आजमगढ़ जिले में हुआ था। उनका असली नाम एंजेलीना योवर्ड था, गौहर जान असल में आर्मेनिया मूल की थीं, उनकी मां विक्टोरिया हेम्मिंग्स का जन्म भारत में ही हुआ था, वो कुशल सिंगर और डांसर थीं, गौहर जान को म्यूजिक और डासिंग का हुनर अपनी मां से ही विरासत में मिला था। पति से तलाक के बाद, विक्टोरिया ‘खुर्शीद’ नाम के एक आदमी के साथ बनारस चली आईं, तब उनके साथ 8 साल की एंजेलीना भी इस शहर आ गईं। बनारस में मां और बेटी ने इस्लाम धर्म अपना लिया, इसके बाद जब ‘विक्टोरिया’ ने अपना नाम ‘मलका जान’ रखा तो ‘एंजेलीना’ का नाम भी बदलकर ‘गौहर जान’ कर दिया गया। कुछ ही दिनों में ‘मलका जान’ बनारस की मशहूर हुनरमंद गायिका और कत्थक डांसर के तौर पर पहचानी जाने लगीं, कुछ ही वक्त बाद मलका जान अपनी बेटी के साथ कलकत्ता चली गईं और नवाब वाजिद अली शाह के दरबार में परफॉर्म करना शुरू कर दिया। अपने अंतिम दिनों में, गौहर जान मैसूर के कृष्ण राजा वाडियार चतुर्थ के बुलावे पर वहां चली गईं, जहां उन्हें शाही गायिका बना दिया गया, हालांकि वहां जाने के 18 महीने के अंदर ही 17 जनवरी, 1930 को उनका देहांत हो गया।
यह कलकत्ता ही था जहां गौहर जान ने डांस और म्यूजिक सीखा। गौहर जान ने अपनी पहली परफॉर्मेंस 1887 में ‘दरभंगा राज’ में दी, जो वर्तमान में बिहार में है। इसके बाद ही उन्हें वहां दरबारी संगीतकार बना दिया गया। 1896 से उन्होंने कलकत्ता में परफॉर्म करना शुरू कर दिया, तब तक उनके कई मुरीद हो चुके थे और उनके रिकॉर्ड्स में उन्हें ‘फर्स्ट डांसिंग गर्ल’ का खिताब दिया जा चुका था। देश भर में इसके बाद से उन्होंने कई जगह परफॉर्म किया, उन्हें जॉर्ज पंचम के ‘दिल्ली दरबार’ में भी परफॉर्म करने को बुलाया गया, गौहर जान ने ‘हमदम’ नाम से कई गज़लें भी लिखीं।